क्या कहना है परिजनों का
नीडो के परिजनों का कहना है कि 29 जनवरी की दोपहर वह अपने तीन दोस्तों के साथ लाजपत नगर मार्केट में गया था। इसी दौरान एक मिठाई की दुकान पर किसी ने उस पर नस्लवादी टिप्पणी कर दी, जिसे लेकर झगड़ा हो गया। नीडो के एक दोस्त ने बताया कि दुकान पर मौजूद लोगों ने उसके बालों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद वहां पर पुलिस को बुलाया गया, जिसके बाद पुलिस नीडो को वहां से ले गई, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि थोड़ी देर बाद पुलिस युवक को वहीं पर छोड़ गई, जहां झगड़ा हुआ था। इसके बाद 7 से 8 लोगों ने लाठी और रॉड से नीडो की पिटाई की थी।
एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की मांग, पुलिसवालों पर भी दर्ज हो केस
इस घटना के बाद एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स (एसीएचआर) ने दिल्ली
पुलिस से नीडो के हत्यारों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति
(अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। संस्था
के निदेशक सुहास चकमा ने जारी बयान में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में
नार्थ-ईस्ट के लोगों के खिलाफ नस्लीय हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने
दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि नीडो की रक्षा करने
में असफल रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसके
साथ ही संस्था ने इस मामले की फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई का अनुरोध भी
किया है।
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