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31 जनवरी 2014

इकलौती बेटी के आधे शव की पोटली बांधे भटकता रहा पिता


पटना. आंखों में आंसू। मन में दर्द और सिर पर इकलौती बेटी के शव की पोटली। शव भी आधा। केवल धड़। नीचे का हिस्सा मिला ही नहीं। वही 24 वर्षीय बेटी जिसकी सालभर पहले शादी की थी। बेटी के ससुराल वालों ने कहा-तीन दिन से घर में नहीं है। लाश रेल पटरियों पर मिली।
पहाड़ से दर्द के बीच बिटिया के शव को कुत्तों से बचाने की जद्दोजहद। पीएमसीएच के एक कोने में बेटी के शव की गठरी लेकर पिता उमेश सिंह रतजगा करते रहे। कुछ परिजनों के अलावा दो चौकीदार मददगार थे पर शव को मर्चरी (शव गृह) में भी जगह नहीं मिली। 33 घंटे तक पोस्टमार्टम कराने के लिए दर-दर ठोकर खाते रहे। कभी सिसकते तो कभी फफक-फफक कर रोने लगते। डॉक्टर कोर्ट का आदेश मांगते या दूसरे अस्पताल जाने का फरमान सुना देते।
शव लेकर छपरा से पटना और पीएमसीएच से नालंदा मेडिकल कॉलेज (एनएमसी) के बीच परिजन चक्कर लगाते रहे। आखिरकार शुक्रवार की देर शाम एनएमसी में शव का पोस्टमार्टम हुआ। दरअसल बीते गुरुवार की सुबह छपरा के दाउदपुर थाना क्षेत्र में सोनिया ढाला और बनवार ढाला के बीच रेलवे ट्रैक से अंजू की आधी लाश पुलिस ने बरामद की थी। अंजू के पिता उमेश और भाई राजीव ने बताया कि सुबह शव बरामद करने के बाद पुलिस दाउदपुर थाने ले आई। शाम में छपरा सदर अस्पताल लाया गया पर डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया।

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