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17 जनवरी 2014

जीते तो जीवनदान, हारे तो मौत, पढ़िये इनकी लड़ाई की एक रोचक दास्तां!


मुर्गे की जंग पर लगता है दांव हजारों का
मुर्गा पाड़ा में लडऩे वाले योद्धा कई लोगों की खुशी और गम का कारण बनते हैं। लड़ाकू मुर्गे पर दांव लगाने वाले कुछ लोगों की जेब गर्म हो जाती है, तो कइयों को खाली हाथ घर लौटना पड़ता है। मुर्गा लड़ाने के शौकीन लोग मकर से पहले ही लड़ाकू मुर्गे की फौज तैयार करते हैं। हजारों रुपए खर्च कर खरीदे गए मुर्गे पर खुशी और गम की इबारत लिखी होती है। मुर्गा जीता, तो जश्न और हारा तो गम नसीब होता है।

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