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06 जनवरी 2014

फिल्म देखते ही सुचित्रा सेन पर आ गया था इस इंटरनेशनल स्टार का दिल


जयपुर. बॉलीवुड के बिल्लू उर्फ इरफान खान का आज जन्मदिन है। इरफान ने कई हिट फिल्में दी हैं। बिल्लू से पान सिंह तोमर और फिर लंच बॉक्स तक इरफान का टैलेंट इस तरह निखरता गया है कि उनकी तारीफ के लिए एक ही शब्द नजर आता है - आउटस्टैंडिंग यानी उत्कृष्ट। भले ही लंच बॉक्स ऑस्कर की दौड़ में पिछड़ गई हो लेकिन उसे अवॉर्ड मिलने का सिलसिला जारी है।
 
जयपुर के टायर व्यवसायी जमींदार खान इस बात को लेकर बड़े चिंतित थे कि उनके बेटे इरफान का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था। सुबह 6.30 बजे स्कूल जाना और दोपहर 4.00 बजे वापस आना उसे इतना उबाऊ काम लगता, जैसे उसे बहुत बड़ी सजा दी जा रही हो। स्कूल के नाम से उसका चेहरा उतर जाता। उसने जैसे-तैसे 10वीं तक की पढ़ाई पूरी कर ली, लेकिन अब जमींदार खान को दूसरी चिंता सताने लगी।
 
उनका बेटा अब स्कूल से छुट्टी होते ही बैट उठाकर चौगान स्टेडियम में पहुंच जाता। अंतत: उसका चयन सीके नायडू ट्रॉफी के लिए हो गया। कोई और परिवार होता तो इस उपलब्धि से बहुत खुश होता। आखिर इससे क्रिकेट में करियर की राह जो खुल जाती। क्या पता भारतीय क्रिकेट टीम में ही चयन हो जाता। किंतु परिवार ने उन्हें क्रिकेट में करियर बनाने की अनुमति नहीं दी। इससे इरफान का मन टूट गया।
 
इरफान ने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया और ग्रेजुएशन करने में जुट गए। अंतत: उन्हें 1984 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में प्रवेश के लिए स्कॉलरशिप मिल गई। यहीं से उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल गई और भारतीय सिनेमा को मिल गया एक अद्भुत कलाकार। जब पहली बार अभिनेत्री सुचित्रा सेन की फिल्म ममता देखी तो उनसे प्यार कर बैठे लेकिन आज तक उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।

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