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30 दिसंबर 2013

डॉकटर शाहिद चिश्ती ने यादगार के रूप में ख्वाजा साहब की दरगाह की तस्वीर भेंट कर इस दुआए सफर को यादगार बना दिया

दोस्तों ठिठुरती ठंड ,,,ओलों के साथ बरसता पानी ,,,,जब लोग अपनी रजाइयों में ठिठुर रहे थे ,अचानक मुज़फ्फरनगर में सर्दी के प्रकोप से मरने वाले दंगापीड़ितों की खबर मिली ,,,दिल टूट गया ,,,,,,,,,,कोटा नगर निगम में पूर्व पार्षद समाज सेवक उमर सी आई डी ,,,बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ कोंग्रेसी कैलाश बंजारा हम लोग बेठे थे सोचा चलो इस मामले में ख्वाजा गरीब नवाज़ के दरबार में चलकर हाज़री लगा कर उनसे भी देश में अमन ,,, सुकून ,,,,खुशहाली ,,राष्ट्रिय एकता ,,,और एक बार फिर कोंग्रेस के लोगों को सद्बुद्धि देने के मामले में दुआ करवाकर डूबता हुए जहाज़ को बचाने कि कोशिश की जाए ,,,,,,,,,,,,अचानक अजमेर शरीफ दरगाह पर हाज़री का प्रोग्राम बनाया गया ,,में ने सुबह सवेरे मेरी शरीके हयात से इजाज़त ली ,,,,,मेरे मित्र एडवोकेट आबिद अब्बासी साहब को फोन पर चलने की दावत दी ,,ज़ाती मसरूफियत थी सो उन्होंने माफ़ी चाहि ,,,,,,,,,में। ……………क़ेलाश बंजारा ,उमर सी आई डी ,,,,,,,और किशोरपुरा से कोंग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के नेता सलीम गोरी साथ हो लिए ड्राइवर लिया गाड़ी ली और अजमेर शरीफ की राह पकड़ ली ,,,,,,रास्ते में ही ख्वाजा गरीब नवाज़ के फ़र्ज़न्द सरवाड़ शरीफ की दरगाह के मुतव्वली और राजस्थान वक़फ़ बोर्ड के सदस्य भाई युसूफ साहब को सुचना दी वोह अजमेर शरीफ से सरवाड़ शरीफ के लिए रवाना हुए ,,हम लोग पहले सरवाड शरीफ पहुंचे वहाँ कैलाश बंजारा जो बंजारा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे दरगाह को देख कर चकित थे वहाँ का निज़ाम ,,वहाँ की सुंदरता ,,,वहाँ अनुशासन ,,वहाँ की खामोशी क़ाबिले तारीफ़ थी ,कैलाश बंजारा और दूसरे साथियों को सरवाड़ शरीफ का बुलंद दरवाज़ा ,सोने का क़ीमती खबूसूरत कलश ,, दरगाह शरीफ का फानूस का दीदार कराया ,,कुछ फ़क़ीरों को खाना खिलाया ,,,,,,,,,,,,,,दरगाह के मुतव्वली युसूफ साहब के साथ दरगाह शरीफ में देश की एकता अखंडता फलाह बेह्बूदगी ,,अपने दोस्तों की कामयाबी ,,सुकून सह्त्याबी के साथ साथ ,,देश में कोंग्रेस के शुद्धिकरण और कोंग्रेस को बर्बाद कर रहे लोगों से कोंग्रेस को मुक्त कर फिर से देश में कोंग्रेस के शासन की दुआ उमर सी आई डी ,,कैलाश बंजारा ने की ,,,,,,,,मेरे कज़िन अनवर उर्फ़ भय्या लीवर की बीमारी इंफेक्शन की वजह से गम्भीर हालत में सुधा हॉस्पिटल कोटा में भर्ती है उनकी सह्त्याबी लम्बी उम्र खुशहाली के लिए बाबा के ज़रिये खुदा से दुआ करने की अपील की ,,,दरगाह में मुतव्वली जनाब युसूफ साहब ने महमान खुसूसी के रूप में दस्तार बंदी कर सभी महमानों की इज़ज़त अफजायी कि और ठिठुरती ठंड से लड़ते हुए हम अजमेर शरीफ को निकल लिए ,,,,,,,,,,रास्ते में ही एक खतरनाक धोखेबाज़ लेकिन मेरे अपने का फोन आया बात समझ नहीं सके आवाज़ साफ़ नहीं थी लेकिन शायद वोह दिल दुखाने की बात थी नेटवर्क गड़बड़ था इसलिए समझ नहीं सका इस जानलेवा दोस्त का क्या संदेश क्या हुक्म था ,खेर अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम हुजरा नंबर एक सो चवदाह के भाई शाहीद चिश्ती साहब से बात हुई ,,,,अजमेर शरीफ दरगाह पर वोह हमारा इंतिज़ार करते मिले ,,,,,,,उनकी क़यादत में दरगाह कि ज़ियारत की फातिहा पढ़ी ,,कैलाश बंजारा ,,उमर सी आई डी मेने और सलीम गोरी साहब ने मिलकर ख्वाजा के दरबार में देश की खुशहाली ,,कामयाबी ,,राष्ट्रिय एकता सहित कोंग्रेस के शुद्धिकरण और आत्मसात कर फिर से पुराने उसूलों के साथ जनहितकारी कोंग्रेस को जीवित कर सत्ता में लाने की खुदा से दुआ की ,,फेसबुक मित्र कोंग्रेस की नेता शाइला हाश्मी की खुशहाली तरककी की दुआ की ,कोटा में मेरे कज़िन अनवर उर्फ़ भय्या के लीवर इंफेक्शन को जल्दी ठीक कर उसे सेहतयाब करने और केंसर से जूझ रही कोटा की पूनम के लिए दुआ की ,मुज़फ्फर नगर के दंगा पीड़ितों सहित देश में जितने भी परेशान हाल पीड़ित है उनकी खुशहाली और परेशानी दूर करने की दुआ मांगी ,,,,,आप पार्टी के सिद्धांत जिनका मूल भाव कोंग्रेस से लिया गया है वेसा ही सिद्धान्त फिर से कोंग्रेस पार्टी में पुनर्जीवित कर कोंग्रेस के शासन की वापसी की दुआ की ,,,,,,,,,देश में साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा समझे जाने वाले ओवेसी और नरेंदर मोदी को देश की मुख्यधारा में शामिल कर राष्ट्रीयता के भाव के साथ जनहित और देश हित में काम करने की तौफ़ीक़ अता करने की दुआ की ,,,,डॉकटर शाहिद चिश्ती खादिम साहब ने कैलाश बंजारा और साथियों को दरगाह के इतिहास को पुनर्जीवित करते हुए दरगाह के चप्पे चप्पे कि ज़ियारत करवाई और फिर खुसूसी महमान के रूप में दस्तारबंदी कर स्वागत क्या ,,वापसी में डॉकटर शाहिद चिश्ती ने यादगार के रूप में ख्वाजा साहब की दरगाह की तस्वीर भेंट कर इस दुआए सफर को यादगार बना दिया ,,,,रात्री जब हम वापस लोटे तो कुछ लोगों को हम जेसे रज़ाई में से ठिठुरकर खामोश बेठा हुआ छोड़कर गए थे वोह वेसे ही ठिठुरते मिले,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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