आपका-अख्तर खान

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29 दिसंबर 2013

इस साल के ज़ख्म

इस साल के ज़ख्म
कुछ इस तरह से
नासूर बन गए
नया साल मुबारक हो
यह कहने
यह सुनने की हिम्मत
अब हम में कहा रही ,,
सोचते है
मौत हमे आये
हम उनसे दूर बहुत दूर जाए
तो खुशी हो उन्हें
तब कहीं जाकर
उनके लिए
नया साल मुबारक होगा
नया साल मुबारक होगा
इसीलिए तो
खुदा से बस
अब दुआ है यही
हमे मौत आये
तो उन्हें मुबारक हो
नया साल
मुबारक हो उन्हें नया साल ,,,,,,,,,,,,,,,,,

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