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31 दिसंबर 2013

दोस्तों रबीउलअव्वल का आगमन है मुल्ला मोलवी इस मौक़े पर सड़कों पर जुलुस ,,सभाएं कर नेताओं से माला पहनने और नेताओं को माला पहनाने की कोशिशों में जुट गए है चंदे की डायरियां निकल गयी है

दोस्तों  रबीउलअव्वल का आगमन है मुल्ला मोलवी इस मौक़े पर सड़कों पर जुलुस ,,सभाएं कर नेताओं से  माला पहनने और नेताओं को माला पहनाने की कोशिशों में जुट  गए है चंदे की डायरियां निकल गयी है ,मुस्लिम भामाशाहों की लिस्टें बनना शुरू हो गयी है ,,सभी जानते है इस्लाम का पैगाम इंसानियत के नाम ,इंसानियत का पैगाम आम इंसान के नाम ,,न जाती ,,न धर्म ,,,न छोटा ना बढ़ा,,,, न समाज ना क़बीला ,,, सभी के लिए हुज़ूर स अ व् के अख़लाक़ और आदाब जीने के सलीक़े की सीख का पैगाम देना ही इस दिन का मक़सद है ,दोस्तों मेरे मोमिन भाइयों और मोमीन भाइयों के हमदर्दों आप सभी जाने है हुज़र स अ व् को दिखावा ,,जुलूसबाज़ी ,,मुज़ाहरा पसंद नहीं था बस इस्लाम और नेक नियति की तब्लीग हमारा मक़सद होना चाहिए ,, लाखो करोड़ों रूपये  हम लोग इस दिन चंदा करते है कुछ मौलानाओं के पेट पालने का ज़रिया बनता है तो कुछ इनाम और इख़राजात में खर्च होते है ,,,,घोड़े ,हाथी ,,, पालकी ,,बग्घियां होती है हज़ारों लोग सड़को पर सजावट गेट बनते है सभी सियासी नेता दिखावे के तोर पर स्वागत करते नज़र आते है ,,लेकिन हमारा लाखो रुपया केवल शक्ति प्रदर्शन ,,मुज़ाहिरा के तोर पर बिना किसी मक़सद के खत्म हो जाता है ,,इस दिन बार रबीउलअव्वल को याद करते वक़त अगर हम ,हमारे शहर में गरीबों के निकाह मुफ्त करवाये ,,,,,,गरीबों को कपड़े दें ,,,,,,प्रतीभवान छात्र छात्राएं जो गरीब है उन्हें आगे पढ़ाने का खर्च उठाये ,,,,,बीमार लोग जिनकी जान खतरे में है लेकिन इलाज के पैसे नहीं है अगर हम उनका इलाज करवाये ,,,बुज़ुर्गों और बच्चों की देख रेख करें ,,रुपया एकत्रित करे लेकिन इस रूपये को इस दिन मुज़ाहरा ,,,दिखावा और सियासी बिसात बिछाने के लिए हुज़ूर स अ व् की खुसूसी तालीम के तहत ज़रूरी खर्च करे और एक निधि एक कोष बनाकर हर साल अपने अपने ज़िलों में इस तरह की नेकनीयती वाले इंसानी खिदमात के काम करे तो शायद बारारबीउल अव्वल को हम लोग सही तरह से मना रहे है मुमकिन होगा और लगेगा के हम मुसलमान है हम हुज़ूर स अ व् द्वारा दी गई शिक्षा को आगे बढ़ा रहे है लेकिन गुमराही ,,,मुज़ाहरा ,,सियासी रोटियां सेककर ,,फ़िज़ूल खर्ची कर हम शायद इंसानियत के खिलाफ ,,शरीयत के खिलाफ ,,इस्लाम के खिलाफ ,,हुज़ूर स अ व् और खुदा के खिलाफ गुनाह कर रहे है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शायद हो सकता है कुछ चंदाखोर और सियासी कठपुतलियों का मुझे इस लेखन के बाद फ़तवेबाज़ी का शिकार होना पढ़े लेकिन क़ुरान शरीफ ,,हदीस ,,शरीयत ,,इस्लामिक क़ानून आपने भी पढ़ा है मेने भी पढ़ा है सच तो यही है बाक़ी जो कुछ हो रहा है वोह झूंठ फरेब ही कहा जाएगा ,,सो प्लीज़ मुझे इंतिज़ार है के इस दिन ,,,,,,रबीउल अव्वल के पाक और मखसूस दिन हम फ़िज़ूलखर्ची रोकें और खिदमात के काम करे ,,इमदाद के काम करे और रोशन कर दे हमारे इस इंसानियत के पैगाम को जो आम इंसान के लिए है इंसानियत के लिए है ,,पीडितो और शोषितों कि मदद के लिए है ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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