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23 दिसंबर 2013

AAP को समर्थन के विरोध में कांग्रेसियों का प्रदर्शन, योगेंद्र बोले- पहले दिन भी गिर सकती है सरकार



नई दिल्‍ली. सियासी मैदान में कूदने के बाद पहली बार दिल्‍ली विधानसभा चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी अब सरकार बनाने जा रही है। वहीं, कांग्रेस में 'आप' को समर्थन का खुला विरोध शुरू हो गया है। सोमवार को पहले शीला दीक्षित ने समर्थन वापसी का विकल्‍प खुला रखने की बात कही, इसके बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता 'आप' को समर्थन के विरोध में सड़कों पर उतर आए। इससे पहले सोमवार सुबह 11 बजे अरविंद केजरीवाल ने जनता की राय के आधार पर सरकार बनाने का फैसला सार्वजनिक किया, लेकिन 'आप' के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ वकील प्रशांत भूषण ने कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन को अलोकतांत्रिक बताया। वहीं, 'आप' के नेता योगेंद्र यादव ने भी कहा कि उनकी पार्टी की सरकार पहले दिन भी गिर सकती है। दूसरी ओर किरन बेदी ने एक बार फिर केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ सरकार बनाने का फैसला लेकर उन्‍होंने बहुत बड़ा खतरा मोल ले लिया है। आपको बता दें कि बेदी ने 'आप' को भाजपा के साथ सरकार बनाने का प्रस्‍ताव दिया था। 
 
इससे पहले प्रशांत भूषण ने पत्रकारों से कहा कि दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्‍यादा 31 सीटें मिलीं, जबकि 'आप' 28 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। भाजपा सबसे ज्‍यादा सीटें जीतने के बावजूद सरकार से बाहर है, यह अलोकतांत्रिक है। प्रशांत भूषण ने कहा कि 'आप' अपना एजेंडा पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और अगर कांग्रेस-भाजपा मिलकर हमारी सरकार गिराते हैं, तो यह उनकी इच्‍छा पर निर्भर करेगा। दूसरी ओर दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस ने 'आप' को बिना शर्त समर्थन नहीं दिया है। उनकी पार्टी ने 'आप' को मुद्दों पर समर्थन दिया है और समर्थन वापसी का विकल्‍प खुला है। लगातार तीन बार दिल्‍ली की सीएम रह चुकी शीला दीक्षित ने सोमवार को चुनाव में मिली हार के कारणों पर कहा- दिल्‍ली के लोग झूठों सपनों में बह गए। 
 
इससे पहले प्रशांत भूषण ने रविवार को कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने को मजबूरी में लिया गया फैसला बताया, लेकिन वह इसका बचाव भी करते दिखे। उन्‍होंने कहा- 'आप' जनता की इच्‍छा के अनुरूप काम कर रही है। हमने जनमत संग्रह कराया, जिसमें 70 प्रतिशत लोगों ने सरकार बनाने के पक्ष में राय दी। हमें सरकार बनाने के लिए समर्थन की जरूरत थी और कांग्रेस बाहर से समर्थन देने को खुद राजी हुई।
 
प्रशांत भूषण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा- 'आप' का शुरू से यह मानना रहा है कि कांग्रेस के साथ मिलकर जो सरकार बनेगी, वह ज्‍यादा दिन नहीं चलेगी। हम जानते हैं कि कांग्रेस समर्थन देकर जनता को यह बताना चाहती है कि हम सरकार नहीं चला सकते, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देना चाहते हैं।
 
'आप' के कौशांबी स्थित दफ्तर में पार्टी के बड़े नेताओं ने सोमवार को सरकार की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया। तय किया गया कि अरविंद केजरीवाल दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री होंगे।

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