नई दिल्ली. भले ही अमेरिकी वेबसाइट हफिंग्टन पोस्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी की संपत्ति सवा खरब बताकर
फिर माफी मांग ली हो लेकिन यह सच है कि भारत में कई राजनेता अपनी
संपत्तियों को लेकर अधूरी जानकारी देते रहे हैं। ये नेता या तो अपनी
संपत्ति की कीमत बाजार दरों के हिसाब से नहीं बता रहे हैं या फिर संपत्ति
का पूरा ब्योरा ही नहीं दे रहे हैं। इस लिस्ट में सभी प्रमुख पार्टियों को
नेता शामिल हैं। इनमें से कई नेताओं ने अपनी जमीन की कीमत सर्किल रेट से भी
कम बताई है।
नेताओं का यह सच
मार्च, 2003 में आए सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की मूल भावना को ठेस लगाता
है जिसमें कहा गया था कि नेताओं के पास जन विश्वास की थाती होती है और उनकी
संपत्ति का ब्योरा सामने आने से लोगों को उनके बारे में जानने का मौका
मिलेगा।
सोनिया गांधी
कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव
में पर्चा दाखिल करते समय जानकारी दी थी कि उनके पास दिल्ली के महरौली
इलाके में डेरा मंडी में 3 बीघा और उसी इलाके के सुल्तानपुर गांव में 12
बीघा 15 बिस्वा जमीन है। सोनिया ने इनकी कीमत 2.19 लाख रुपए बताई थी। लेकिन
चौंकाने वाली बात यह है कि जमीन की यह कीमत मौजूदा बाजार दरों को छोड़िए
2008 में इसी इलाके से विधानसभा चुनाव लड़ चुके बसपा के उम्मीदवार कंवर
सिंह तंवर की ओर दिए गए हफलनामे में उनकी जमीन की कीमत से भी कम है। तंवर
ने डेरा गांव में 12 बीघा 5 बीस्वा जमीन की कीमत 18.37 करोड़ घोषित की थी।
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