आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

18 नवंबर 2013

दिल्‍ली में अब प्रत्‍याशी नहीं चाहते राहुल गांधी की रैली: कांग्रेस परेशान, शीला ने दी सफाई!



नई दिल्‍ली. दिल्‍ली के दक्षिणपुरी इलाके में राहुल गांधी की फ्लॉप रैली से कांग्रेस के प्रत्‍याशियों में खलबली मच गई है। वे हाईकमान से प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके इलाके में किसी बड़े नेता की चुनावी सभा न रखी जाए। उन्‍हें डर सता रहा है कि कहीं दक्षिणपुरी की तरह उनकी रैली से भी लोग भाग न जाएं।
 
रविवार को दक्षिणपुरी रैली में भीड़ न होने की वजह से राहुल कई घंटे देर से आए और जब आए तो लोग उठकर जाने लगे थे। मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित की अपील के बाद भी लोग रैली में नहीं रुके थे। सोमवार को शीला दीक्षित ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि रैली से लोग खाने-पीने के चले जाते हैं, इसमें कोई नई बात नहीं हैं। हमने पानी की व्‍यवस्‍था की थी, लेकिन टैंकर नहीं आ सके, जिसकी वजह से लोग पानी पीने चले गए थे। राहुल की पहले भी रैलियां हुई हैं, जिन्‍हें सुनने के लिए लोग आते रहे हैं।   
 
लेकिन, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्‍व परेशान है।  पार्टी को डर लग रहा है कि कहीं एक-दो बार और ऐसा हो गया तो भाजपा के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के सामने राहुल की किरकिरी हो जाएगी। नरेंद्र मोदी की हर रैली में लाखों की भीड़ उमड़ रही है, जबकि राहुल के नाम पर अव्‍वल तो लोग आ नहीं रहे हैं और आ भी रहे हैं तो रैली के बीच में उठकर चले जा रहे हैं।
दिल्‍ली में मोदी की तीन रैलियां 
दिल्ली में मोदी की तीन रैलियां होने वाली हैं। इसमें शक नहीं है कि उनकी रैलियों में हजारों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में चुनाव के दौरान उलटा संदेश जा सकता है। इन विधायकों का कहना है कि इससे तो ज्यादा अच्छा है कि वह खुद अपने इलाकों में किए गए विकास कार्यों और दिल्ली सरकार की उपलब्धियों के नाम पर लोगों से वोट मांग लें, लेकिन अगर बड़े नेताओं की रैली फ्लॉप रही तो उनका बंटाधार हो जाएगा।  
 
सोनिया-मनमोहन की रैली को लेकर चिंता  
राहुल गांधी की फ्लॉप रैली के बाद अब कांग्रेसी नेता सोनिया गांधी की यमुनापार में और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की वेस्ट दिल्ली में होने वाली चुनावी सभा को लेकर परेशान हैं। राहुल की रैली के बाद सोनिया और मनमोहन की रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए पार्टी को कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। अगर ये दोनों रैलियां फ्लॉप हो गईं तो दिल्‍ली के कांग्रेसी नेता कोई जवाब नहीं दे पाएंगे। वैसे भी मीडिया सोनिया, राहुल और मनमोहन की रैलियों की तुलना मोदी से कर रहा है। मोदी खुद भी उनकी रैलियों में आ रही भीड़ को बदलाव का संकेत बताकर कांग्रेस पर हमले कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...