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27 नवंबर 2013

अब वसुंधरा राजे की निजी जीवन को लेकर विवादित सीडी बंटी, केस दर्ज



जयपुर। राजस्‍थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निजी जीवन को लेकर विवादित सीडी बांटे जाने का मामला सामने आया है। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के एक नेता ने प्रकरण को फर्जी और मानहानि का बताते हुए मंगलवार को साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। 
 
पुलिस ने बताया कि रिपोर्ट वैशाली नगर निवासी एडवोकेट कानसिंह राठौड़ ने दर्ज करवाई है। वे भाजपा में राष्ट्रीय लीगल सेल के सदस्य हैं। रिपोर्ट के अनुसार षड्यंत्र रचकर वसुंधरा राजे को बदनाम करने के उद्देश्य से फर्जी सीडी में अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके बनावटी चेहरे बनाए गए हैं।
 
सीडी बनाने के मामले में लिप्त लोग सीडी,बुकलेट व पोस्टर को डाक से लोगों के घरों तक पहुंचा रहे हैं। इससे पहले आदर्श नगर थाने में 12 अक्टूबर को बुकलेट छापने का मामला दर्ज हुआ था। मामला युवा मोर्चा के दीन दयाल कुमावत ने दर्ज करवाया था। इस मामले में पुलिस ने प्रिटिंग प्रेस से मालिक सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन मुख्य आरोपी का अब तक पता नहीं चला। पुलिस ने बुकलेट की साढ़े चौदह हजार प्रतियां जयपुर से और साढ़े नौ हजार प्रतियां सीकर से बरामद की थी।
जेल में बंद बाबूलाल नागर प्रचार की सीडी को लेकर विवाद में
इससे पहले मंगलवार को बाबूलाल नागर विवादो में आ गए थे। दरअसल, दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद पूर्व मंत्री नागर अपने भाई और दूदू से कांग्रेस प्रत्याशी हजारीलाल नागर के पक्ष में मोबाइल फोन के जरिए मतदान की अपील कर रहे थे। भाजपा ने इसे जेल प्रशासन की मिलीभगत बताते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की है।
उधर दूदू के रिटर्निंग अधिकारी अजय कुमार आर्य का कहना है कि इस तरह के ऑडियो  मैसेज (सीडी) से प्रचार के लिए 15 दिन पहले उनसे अनुमति मांगे जाने का मामला सामने आया था। चूंकि ऑडियो मैसेज से प्रचार पर किसी तरह की रोक नहीं होने की वजह से उन्होंने अनुमति लेने की जरूरत नहीं बताई।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कैलाशनाथ भट्ट, चुनाव प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक योगेन्द्र सिंह तंवर ने सोमवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन को शिकायत की। भाजपा ने तुरंत प्रभाव से कांग्रेस प्रत्याशी हजारीलाल नागर का नामांकन निरस्त करने की मांग की।
भट्ट ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन की मिलीभगत से ही यह संभव हुआ। जेल मैन्युअल के मुताबिक जेल में बंद अपराधी का मोबाइल के जरिए बाहर संदेश नहीं भिजवाया जा सकता। नागर से उनकी आवाज में समर्थन में मतदान करने की अपील मोबाइल या अन्य किसी यांत्रिक उपकरण से प्राप्त कर मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।

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