मुजफ्फरनगर/लखनऊ. घटना के बाद से ही जनपद में कैम्प कर रहे
डीजीपी देव राज नागर ने गुरुवार दोपहर को बयान दिया। उन्होंने मीडिया से
बात करते हुए पुलिस कि गलती बताई। उन्होंने कहा कि एक सम्प्रदाय के पांच
लोगों पर आक्रमण किया गया। दो लोग तो भाग कर जान बचाने में कामयाब रहे,
लेकिन तीन की हत्या कर दी गई। गांव के ही दो पक्षों में झड़प हुई और फिर
मामला हिंसक हो गया। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी जा रहे थे, उन पर हमला
हुआ। इसमें हमारी कमी है, पुलिस की कमी है, प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई,
जिसका नतीजा रहा कि ऐसी घटना घटी। हालांकि नागर ने यह भी कहा कि अभी
निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि घटना आपराधिक है या फिर सांप्रदायिक।
यूपी के मुजफ्फरनगर में बुधवार शाम को फिर हिंसा के बाद हालात
तनावपूर्ण हो गए थे। एक महिला की हत्या के बाद दो गांव के लोगों के बीच
गोलियां चलीं। हिंसा में तीन और ग्रामीण मारे गए। ताजा हिंसक घटनाओं के
सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बुढ़ाना पुलिस स्टेशन में
15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी
इलाके में कैंप कर रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर
इलाके में धारा 144 लगा दी है। लेकिन, घटना कैसे हुई, इस बारे में
पुलिस-प्रशासन के किसी अफसर ने गुरुवार दोपहर तक मुंह नहीं खोला। इस वजह से
मीडिया में सूत्रों के हवाले से अलग-अलग खबरें आती रहीं।
शुरुआती खबरों में पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया कि जिले के
लिसाड़ गांव के राजेंद्र अपनी पत्नी का इलाज करा कर लौट रहे थे। तभी
हुसैनपुर-खानपुर में उन्हें चार-पांच अज्ञात बदमाशों ने रोका। उनके साथ
मारपीट शुरू कर दी। बदमाशों ने राजेंद्र की पत्नी रीना के साथ दुष्कर्म
किया और फिर गोली मार दी। राजेंद्र ने किसी तरह अपने गांव पहुंच कर लोगों
को घटना के बारे में बताया। इसके बाद हथियारबंद ग्रामीण हुसैनपुर पहुंच गए।
जहां दोनों ओर से गोलीबारी हुई। इसमें तीन ग्रामीणों की मौत हो गई। करीब
एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। चार मौतों की पुष्टि एडीजी मुकुल गोयल ने की
है। जिले में पिछले दिनों हुए दंगों में 62 लोगों की मौत हो गई थी।
बसपा विधायक गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर में पिछले दिनों हुए दंगों के सिलसिले में पुलिस ने बुधवार
को बसपा विधायक मौलाना जमील को गिरफ्तार कर लिया। वह पिछले एक माह से
पुलिस से बच रहे थे। उनके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था।
जमील को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत
में भेजा गया।
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