नई दिल्ली. करीब 80 हजार करोड़ रुपए खर्च कर 126 लड़ाकू विमान
खरीदने का मामला फिर अटक गया है। वायु सेना प्रमुख एनएके ब्राउने ने जल्द
फैसले नहीं होने पर हालात नाजुक होने की आशंका जताई है। ब्राउने शुक्रवार
को सालाना प्रेस कान्फ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगले कुछ
वर्षों में वायु सेना को 300 नए विमानों की जरूरत है। हालांकि मौजूदा सरकार
के कार्यकाल में 126 विमानों के सौदे पूरे होने की उम्मीद कम ही है।
ब्राउने ने बताया कि रक्षा मंत्रालय में वायु सेना की खरीदारियों को
संभालने वाले संयुक्त सचिव की असामयिक मौत से तमाम खरीदारियों को झटका लगा
है।
नए संयुक्त सचिव के आने पर उन्हें इन खरीदारियों को समझने में तीन-चार
महीने लग जाएंगे। वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वाड्रन होने
चाहिए। जबकि अभी सिर्फ 34 मौजूद है। हर स्क्वाड्रन में 18 से 20 विमान होते
हैं। 2017 तक 160 मिग-21 विमान बेड़े से बाहर हो जाएंगे।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि फ्रांस से डैसो रफाल विमानों का लाइसेंस
के तहत उत्पादन करने वाली हिुंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की
बातचीत चल रही है। पर ये कहना मुश्किल है कि सौदा कब तक हो पाएगा। आगे
चुनाव भी है, लेकिन सौदे कम होने की वजह से प्रक्रियाओं का उल्लंघन नहीं कर
सकते। ब्राउने ने माना कि सौदे में देरी के कारण एक-दो फ्लीट की जीवन अवधि
बढ़ानी होगी। स्वदेश विमान तेजस की भी सेवा लेनी होगी।
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