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23 सितंबर 2013

दोस्तों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ऐतिहासिक कोटा यात्रा के दोरान कोटा को सोगातें ही सोगातें दी गयी ..लेकिन इस यात्रा के वक्क्त मुख्यमंत्री यात्रा प्रबंधन में रही कमियों की वजह से कई विवाद भी खड़े हो गए जो इस यात्रा की यादों से जुड़ गए है

दोस्तों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ऐतिहासिक कोटा यात्रा के दोरान कोटा को सोगातें ही सोगातें दी गयी ..लेकिन इस यात्रा के वक्क्त मुख्यमंत्री यात्रा प्रबंधन में रही कमियों की वजह से कई विवाद भी खड़े हो गए जो इस यात्रा की यादों से जुड़ गए है ...विवाद एक ......मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नगर निगम कोटा में स्थापित स्वर्गीय राजिव गांधी की मूर्ति का अनावरण नहीं कर सके और एक विवाद छोड़ गए ....विवाद नम्बर दो ...मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा प्रवास के दोरान कोटा के विकास पुरुष कहे गए पूर्व उद्ध्योग मंत्री रिखब चंद धारीवाल की मूर्ति का  भी अनावरण कर सकते थे जो वोह नहीं कर सके ...विवाद नम्बर तीन ....मुख्यमंत्री के आगमन पर राजस्थान विधि प्रकोष्ठ के कोटा अध्यक्ष राजेश शर्मा ने एक दिन पहले कोंग्रेस कार्यालय में बेठ कर उनके स्वागत की अभूतपूर्व तय्यरियाँ की थी लेकिन पाटनपोल से जाते वक्त मुख्यमंत्री को राजेश शर्मा का स्वागत सत्कार नहीं करने दिया गया और नतीजन राजेश शर्मा जो कोंग्रेसी पूर्व विधायक के पुत्र है उन्होंने कोंग्रेस से इस्तीफा दे दिया ..विवाद नम्बर चार .....मुख्यमंत्री के स्वागत के वक्त एयरपोर्ट पर आने वाले लोगों के पास बनाने में भाई भतीजावाद चलने से खफा राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरत सिंह खुल कर विरोध में बोले उन्होंने सात अजूबों की आलोचना की वहीं वोह कोटा के स्वायत्त शासी मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल के स्वर्गीय वालिद की मूर्ति को आठवा अजूबा बताने से भी नहीं चुके ..वोह एयरपोर्ट के अन्दर नहीं गए उन्हें बाद में मुख्यमंत्री ने बाहर आकार सम्भालने की कोशिश की ...विवाद नम्बर पांच ...कोटा वक्फ सम्पत्ति जंगली शाह बाबा दरगाह परिसर में महफिल खाने के उदघाटन के वक्त कोटा के शहर काजी अनवार अहमद की आमद नहीं रही जबकि शिला पट पर कोटा शहर काजी का नाम भी नहीं लिखा गया इतना ही नहीं कोर्ड में राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक और वक्फ के चेयरमेन लियाक़त अली का नाम था लेकिन शिला पट पर इन लोगों का नाम भी नहीं लिखा गया इस तरह से मुस्लिमो की सम्पत्ति पर बने इस महफिल खाने के शिलापट्ट से मुस्लिम धर्मगुरु और नेताओं का नाम नदारद रहने पर भी  मुस्लिमों के दिलों को ठेस पहुंची है ..विवाद नम्बर छ ...जग्लिशाह बाबा का मजार इसी परिसर में स्थित है जिसके आस्थावान लोगों की कमी नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मजार के परिसर में तो गए फिर भी उन्हें बाबा के मजार पर अकीदत के फूल पेश करने और चादर पेश करने का सुझाव देकर वहां नहीं ले जाया गया इस कारन भी बाबा के मुरीद नाराज़ हो गए ..विवाद नम्बर सात ..राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी यात्रा के दोरान अनेक बार ऐसे अपराधिक तत्वों के साथ घिरे रहे जिनके खिलाफ कोटा में मुकदमे दर्ज है और जांचे चल रही है यह भी कोटा में विवाद और चर्चा का कारण रहा ................इस तरह से मुख्यमंत्री की कोटा यात्रा कोटा में जहां सोगातों के इतिहास का रहा वहीं कई विवादों को जन्म देने वाली भी रही जिसका अब डेमेज कंट्रोल का प्रयास किया जा रहा है और विवादों का निस्तारण बिना किसी बदनामी के हो जाए इसके प्रयास तेज़ हो गए है .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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