आपका-अख्तर खान

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15 सितंबर 2013

ना तुम मुझे देखो न में तुम्हे देखूं

ना तुम मुझे देखो
न में तुम्हे देखूं
न तुम मुझे याद करो
ना में तुम्हे याद करने के बाद भी पुकार सकूं
आओ हमारे प्यार की
आज यूँ दे हम भी कुर्बानी
तुम्हारी ख्वाहिश जो मुझे भूल जाने की है
आओ में ना चाहते हुए भी
तुम्हारी इस ख्वाहिश को
 पूरा करने में तुम्हारा मददगार बनू
तुम्हारा तलबगार होने पर भी
तुम्हारा मददगार बनकर
तुम्हारी मुझे भुला देने की
ख्वाहिश को पूरा करूँ ...
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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