चंडीगढ़. ‘बचपन में मैंने नरेंद्र मोदी से बहुत मार खाई है। उनसे दो साल छोटा हूं, लेकिन साथ पढ़े हैं। नरेंद्र ने 1970 में परिवार छोड़ दिया था, पिछले 12 साल में एक बार ही उनसे मुलाकात हो पाई है। वह परिवार से ज्यादा लोगों को तवज्जो देते हैं।’ यह कहना है प्रह्लाद मोदी का, जो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के छोटे भाई हैं। डिपो होल्डर्स की कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने चंडीगढ़ आए प्रह्लाद ने बताया कि पूरा परिवार ही जमीन से जुड़ा हुआ है। मोदी हमेशा ही प्रेरित करते रहे हैं। वह शिक्षा देते रहे हैं। हम पांच भाई हैं, एक बहन भी है। नरेंद्र तीसरे नंबर पर हैं। सबसे बड़े भाई सरकारी मुलाजिम थे, रिटायरमेंट के बाद वृद्धाश्रम चला रहे हैं। दूसरे भाई का अपना कारोबार है। सबसे छोटा भाई अभी भी सरकारी नौकरी में है। बहनोई बैंक से रिटायर हुए हैं। सिर्फ नरेंद्र मोदी ही राजनीति में हैं।
दोस्त को ढूंढ़कर हज के लिए भेजा था मोदी ने
गोधराकांड पर सवाल पर उन्होंने कहा- नरेंद्र मोदी में धार्मिक कट्टरता
नहीं है। गांव में कुछ दूरी पर ही मुस्लिम परिवार रहते थे। नरेंद्र के कई
मुस्लिम दोस्त हैं। संघ के संगठन मंत्री होते हुए भी मुस्लिम समुदाय की
काफी मदद की थी। एक बार गुजरात में पुल बहा तो मुस्लिम समुदाय का कैंप लगा
तब नरेंद्र उनके लिए पानी गर्म करते थे। उनका एक बचपन का दोस्त था जो हज
करना चाहता था, लेकिन पैसे नहीं थे। नरेंद्र गुजरात के सीएम बने तो
उन्होंने उस मित्र को ढूंढ़ा और उसे हज के लिए भेजा।
राशन डिपो चलाते हैं मोदी के भाई
अहमदाबाद में राशन डिपो चलाने वाले प्रह्लाद ने बताया कि अब राशन के
कारोबार में आमदनी नहीं रही, इसीलिए देशभर के सभी डिपो होल्डर्स शुक्रवार
को धरना-प्रदर्शन करेंगे। देशभर में 6 लाख से अधिक डिपो होल्डर हैं। मांग
यह है कि हमें सरकारी मुलाजिम की तरह वेतन दिया जाए। दिन-पर-दिन कमीशन घटता
जा रहा है। यही वजह है कि कुछ डिपो होल्डर्स पैसा कमाने के लिए गलत तरीके
अपनाते हैं। सरकार पर इसी के चलते दबाव बनाया जा रहा है। पहले भी इसी बात
को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं।
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