सुप्रीम कोर्ट की एंपावर्ड कमेटी के सदस्य जस्टिस वी एस दवे, जस्टिस आई एस इसरानी ने जेडीए कमिश्नर अभय कुमार, संबंधित प्रकोष्ठ निदेशकों और उपायुक्तों की बैठक में शहर के सड़क किनारे बने मंदिर मस्जिदों का ब्योरा मांगा। इस पर प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों ने 474 की सूची उनके सामने रखी।
दवे ने कहा कि जेडीए ने अभी तक 15 फीसदी भी सड़कों से अतिक्रमण नहीं हटाए। इंदौर और अहमदाबाद से कुछ सीखो। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों की इच्छा शक्ति के बिना अतिक्रमण नहीं हट सकते। सड़कों के बीच पांच पांच मंदिर और मस्जिदें बना रखी है। इससे ट्रैफिक जाम रहता है। शहर को ऐसे अतिक्रमणों के निजात दिलाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि शहर की 11 कच्ची बस्तियों को 2009 तक शहर से बाहर विस्थापित करना था, लेकिन अभी तक न तो राजीव गांधी आवास योजना और न ही बीएसयूपी के प्रोजेक्ट के आवास बने हैं। ऐसे में जेडीए की कच्ची बस्ती विस्थापन प्रक्रिया भी बहुत ढीली है।
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