आपके खिलाफ हिस्ट्रीशीट का मामला क्या है?
मेरे खिलाफ 1973 से पहले तीन मुकदमे हुए थे। एक पर एफआर लग गई थी और दो में चालान पेश हुआ। इन दोनों मुकदमों में अदालत ने मुझे बरी कर दिया था।
ये किन अपराधों से संबंधित मुकदमे थे?
नाचना में किसी ने बड़ा खाना किया था। एक मुकदमा तो इसे लेकर दर्ज किया गया था और दूसरा मुकदमा कोई फॉरेन एक्ट का था। अदालत ने इसमें मुझे बरी कर दिया।
आपको कभी राष्ट्रद्रोही तो कभी राजद्रोही क्यों कहा जाता है?
मेरे खिलाफ 1973 के बाद कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया, जो जरायमपेशा लोग करते हैं। मैं तो खुद मजहब और उसूल को मानने वाला इनसान हूं। मुझे नहीं पता, लोग 40 साल से मेरे पीछे क्यों पड़े हैं!
तो आपके खिलाफ हिस्ट्रीशीट क्यों खुली?
मेरे खिलाफ हिस्ट्रीशीट एक खास जाति के अफसरों ने खोली है। मैं किसी जाति का नाम नहीं लेना चाहता। चार्जशीट उनकी होती है, जिनके अपराध का कोई इतिहास होता है।
आपको देशद्रोही बताया जाता है?
जिस आदमी को 40 साल से सुनाई नहीं देता, डायबिटीज हो, जिसकी आंखों में लैंस लगे हों, ठीक से दिखता नहीं हो, और जो आठ साल से इनसान के सहारे के बिना चल न सकता हो, वह क्या तो देशद्रोही होगा और क्या राजद्रोह करेगा?
मौजूदा एसपी को आपने हटाया है?
मैं जयपुर गया नहीं, मुख्यमंत्री यहां आए नहीं... मुझे सुनाई नहीं देता तो मैं मुख्यमंत्री से क्या बात करूंगा! और फिर मैं किसी एसपी को क्यों हटवाऊंगा। चार्जशीट आज से तो है नहीं! चार्जशीट से मुझे क्या फर्क पड़ता है। मैं 1965 से इन चीजों को झेल रहा हूं, लेकिन मेरे बच्चों को बुरा लगता है जब कोई कहता है कि आपके पिता हिस्ट्रीशीटर हैं। हम अदालत जाएंगे।
आप मुख्यमंत्री से कब मिले थे?
चार साल में मैं सीएम से दो बार मिला हूं। एक बार जब वे संदेश यात्रा के समय यहां आए तो उनसे सलाम करने गया था। चार साल पहले एक बार जयपुर इलाज कराने गया तो कुछ देर के लिए मिला था।
आपके खिलाफ बहुत कुछ हो रहा है, आपको क्या वजह लगती है?
पहले सियासी लोग हमारा इस्तेमाल करते थे। पिछले पंद्रह साल से हमारा परिवार इसी वजह से सियासत में आ गया। पहले हमारा कोई किसी पद पर नहीं रहा। हम सियासत में सक्रिय हुए तो उन लोगों को भी तकलीफ होने लगी, जिनसे हमें फायदा होता था। सभी मिलकर हमें परेशान कर रहे हैं।
मेरा भाई फतेह मुहम्मद जिला प्रमुख रहा है। पहले बेटा शालेह मुहम्मद जिला प्रमुख रहा और अभी विधायक है। अभी छोटा बेटा अब्दुल्ला जिला प्रमुख है। मेरी पुत्रवधू हकीमा पिछली बार सरपंच रही है। इस इलाके के सिंधी मुसलमान मुझे बहुत इज्जत बख्शते हैं। जब कभी वोटों का फैसला होता, सियासी लोग मुझे उनके बीच ले जाते तो वे सब एकमत हो जाते। इससे एक राजनीतिक दल खुश होता तो हारने वाले मुझसे खफा हो जाते हैं।
ऐसे की बातचीत
गाजी फकीर 40 साल से सुन नहीं पाते हैं। पहले सवालों की सूची उनके सामने उनके जैसलमेर से 30 किमी दूर आवास पर भेजी। इसे पढऩे के बाद उन्होंने अपने बेटे के माध्यम से फोन पर जवाब दिए।
nice blog.
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