उत्सव और परम्परा के मामले राजस्थान का कोई सानी नहीं है। यहां हर उत्सव कुछ ना कुछ खासियत लिए होता है। मसलन तीज को ही ले लीजिए। यूं तो तीज पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन जयपुर की तीज की सवारी दुनिया भर में फेमस है। तीज सावन (जुलाई–अगस्त) के महीने में शुक्लपक्ष के तीसरे दिन मनाई जाती है। इस बार यह 9-10 अगस्त को मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है की श्रावण शुक्ल तृतीया के दिन माँ भगवती पार्वती ने पूरे सौ वर्षों की कठोर तपस्या कर भगवान शिव की हुईं थीं। इसलिए तीज के दिन मां पार्वती की ही पूजा की जाती है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 अगस्त 2013
100 बरस की तपस्या के बाद शिव-पार्वती का हुआ मिलन, देखिए तीज के अनोखे रंग
उत्सव और परम्परा के मामले राजस्थान का कोई सानी नहीं है। यहां हर उत्सव कुछ ना कुछ खासियत लिए होता है। मसलन तीज को ही ले लीजिए। यूं तो तीज पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन जयपुर की तीज की सवारी दुनिया भर में फेमस है। तीज सावन (जुलाई–अगस्त) के महीने में शुक्लपक्ष के तीसरे दिन मनाई जाती है। इस बार यह 9-10 अगस्त को मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है की श्रावण शुक्ल तृतीया के दिन माँ भगवती पार्वती ने पूरे सौ वर्षों की कठोर तपस्या कर भगवान शिव की हुईं थीं। इसलिए तीज के दिन मां पार्वती की ही पूजा की जाती है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)