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10 जुलाई 2013

मच्छरों और ठंड से नींद को तरसे राघव, रो-रोकर कैदियों को दिला रहे हैं निर्दोष होने का भरोसा



भोपाल. अपने नौकर राजकुमार से अप्राकृतिक कृत्य के आरोपों के चलते जेल पहुंचे मध्यप्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री राघव मंगलवार 9 जुलाई को रातभर सो नहीं सके। जेल की बैरक नंबर-10 में रात में मच्छरों ने उन्हें रात में सोने नहीं दिया। उन्होंने शायद सपने में भी ऐसी कल्पना नहीं की होगी कि उनका बुढ़ापा इतना बदनाम होगा।
रविवार यानी 9 जुलाई को गिरफ्तारी के दो दिन पूर्व ही राघव ने बदनामी के बावजूद अपना जन्मदिन मनाया था। शुक्रवार 5 जुलाई को जब उनका नौकर राजकुमार हबीबगंज थाने में 79 वर्ष के राघवजी की कुकर्म गाथा लेकर पहुंचा, तो देखते ही देखते मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया था। भले ही वे अब भी खुद को निर्दोष बता रहे हैं, लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, राजनीतिक और सामाजिक कीचड़ उछलना जारी रहेगा।
 
बुधवार यानी 10 जुलाई को सुबह होने पर उन्होंने लाइन में लगकर दूसरे कैदियों की तरह नाश्ता लिया। बताया जाता है कि वे जेल में खूब रोये और हर किसी को अपने निर्दोष होने की दुहाई देते रहे। राघव को जेल में दो कंबल और एक चादर दी गई। जेल के बैरक नंबर-10 में करीब 100 कैदियों को रखने की क्षमता है। रात में ठंड और मच्छर होने के कारण वह पूरी रात जागते रहे। बुधवार 10 जुलाई को उन्हें नाश्ते में पोहा, चना, दलिया और चाय मिली। हालांकि उन्होंने रात में दूध पीने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन मना कर दिया गया।

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