इधर, गलियों में गाय की वजह से तीन दिन में दूसरी मौत
रेलवे कॉलोनी क्षेत्र में गुरुवार को गाय की टक्कर से एक वृद्ध की मौत हो गई। वृद्ध रोजाना की तरह नहर के पास लगे हैंडपंप से पानी भरने गए थे। एएसआई महावीर सिंह के अनुसार तुल्लापुरा निवासी विद्यानंद शर्मा (८5) जब हैंडपंप से पानी ला रहे थे, तभी दूसरी ओर से भागती हुई गाय आई और उन्हें सींग मारकर नीचे गिरा दिया। परिजनों ने उन्हें एमबीएस में भर्ती करवाया। जहां शुक्रवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। पेशे से किसान विद्यानंद जी हमेशा हैंडपंप का ही पानी पीते थे। गुरुवार को घरवालों ने उनको मना भी किया था, लेकिन वे नहीं माने और चले गए।
दो दिन पहले भी हुई मौत
शहर में आवारा पशुओं के कारण लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। पहले भी गायों को चारा डालने जाते समय वल्लभबाड़ी में सुअर द्वारा टक्कर मारने से एक युवक की मौत हुई थी। दो दिन पहले बुधवार को भी कोटड़ी निवासी रामगोपाल जी (78) की गाय द्वारा टक्कर मारने से मौत हुई थी। वे रोजाना की तरह अपने मोहल्ले में ही गाय को चारा डालने गए थे।
आवारा नहीं पालतू हैं पशु: नगर निगम की स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष मंजू मेहरा का दावा है कि निगम द्वारा हर दिन 20 से 25 पशु सड़क से घूमते हुए पकड़े जाते हैं, जो आवारा नहीं हैं। इनके मालिकों द्वारा दूध निकालने के बाद छोड़ दिया जाता है। दूसरे दिन उन पशुओं को उनके मालिक जुर्माना देकर छुड़वा ले जाते हैं। दिन में पशु पकडऩे जाते हैं तो पशु पालक हमला कर देते हैं।
10 पत्र लिख चुका, व्यवस्था नहीं सुधरी: बिगड़ रही ट्रैफिक व्यवस्था से परेशान ट्रैफिक डीएसपी नारायण राजपुरोहित इन पशुओं को हटाने के संबंध में नगर निगम को 10 बार पत्र लिख चुके हैं। वे बताते हैं व्यवस्था तो नहीं सुधरी, हारकर उन्होंने ही पत्र लिखना छोड़ दिया। कुछ तो पशुपालक दोषी हैं, जिनमें सिविक सेंस है ही नहीं और कुछ निगम उन पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।
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