केदारनाथ. उत्तराखंड में आई तबाही के हफ्तों बाद भी केदारनाथ
मंदिर में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। स्थानीय प्रशासन ने
मंदिर की बहुमूल्य मूर्तियों और सोने के आभूषणों को भगवान भरोसे छोड़ दिया
है। इनके चोरी होने और तस्करी होने का खतरा बना हुआ है। मंदिर को सुरक्षा
देने की बजाए उत्तराखंड पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों ने इसे स्थानीय
लोगों की इमानदारी पर छोड़ दिया है। यही नहीं पुलिस वालों का तो यहां तक
मानना है कि इस दुर्गम इलाके में आकर कोई चोरी करने की नहीं सोच सकता है।
स्थानीय विद्वानों के मुताबिक यह मंदिर पांडवों ने बनाया था और आठवीं
सदी में आदिगुरु शंकराचार्य ने इसका पुनर्निमाण किया था। हालांकि कई
वैज्ञानिकों का मानना है कि मंदिर कई साल पहले बना था और कुछ शोधों के
मुताबिक तो यह मंदिर 3000 साल पहले बनाया गया था।
इस मंदिर में पुरातत्विक महत्व की कई कलाकृतियां हैं। इसमें पांडवों
की पत्थरों की मूर्तियां, दूसरे देवी-देवताओं की मूर्तियां, तांबे का बना
नंदी बैल, चांदी के कई आभूषण और 150 किलो का छत्र मौजूद है। यह सब केदारनाथ
में आई तबाही के बाद बिना किसी सुरक्षा के वहां पड़ा हुआ है।
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