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09 जुलाई 2013

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने की जियारत, मुल्क की तरक्की और खुशहाली की दुआ



जयपुर/ अजमेर। राष्ट्रपति  प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की जियारत की। उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर मखमल की चादर और अकीदत के फूल पेश कर मुल्क की तरक्की और खुशहाली की दुआ की। राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल माग्र्रेट अल्वा, मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत और केंद्रीय कंपनी मामलात राज्यमंत्री  सचिन पायलट ने भी दरगाह की जियारत की और मजार शरीफ पर अपनी ओर से चादर व फूल पेश किए ।

 राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शाम 4.20 बजे दरगाह पहुंचे। निजाम गेट के सामने अंजुमन सैयदजादगान के सदर सैयद हिसामुद्दीन नियाजी और अंजुमन शेखजादगान के सदर एस शमशाद मोहम्मद चिश्ती ने उनकी अगवानी की। राष्ट्रपति को दरगाह कमेटी के कफस बरदार हाजी कुद्दूस ने पैताबा पहनाया। राष्ट्रपति के निजामगेट की पहली सीढ़ी पर कदम रखते ही दरगाह में शादियाने और घडिय़ाल बजाए जाने लगे। उनका शाही अंदाज में इस्तकबाल करने के लिए दरगाह परिसर में रेड कारपेट बिछाया गया था। निजामगेट पर दोनों अंजुमन के सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगाराशाह, एस हफीजुर्रहमान चिश्ती, दरगाह कमेटी सदर उबेदुल्लाह शरीफ और दरगाह नाजिम डॉ अंसार अहमद खान ने उनका इस्तकबाल किया।
 अहाता ए नूर की ओर बढ़े

 राष्ट्रपति मुखर्जी, राज्यपाल अल्वा, मुख्यमंत्री गहलोत और केंद्रीय राज्यमंत्री पायलट समेत 30 लोगों का काफिला बुलंद दरवाजे, सेहन चिराग और संदली दरवाजा होते हुए अहाता ए नूर पहुंचा। यहां राष्ट्रपति मुखर्जी ने मखमल की चादर और अकीदत के फूलों की टोकरी सिर पर रखी और बेगमी दालान की ओर बढ़े।
 हफ्तबारीदारान ने दिया परिचय
 बेगमी दालान में राष्ट्रपति की अगवानी हफ्तबारीदारान सरगना हाजी सैयद कमालुद्दीन चिश्ती, हाजी सैयद अनीस मियां चिश्ती, डॉ माजिद चिश्ती, सैयद तारिक चिश्ती, सरवत संजरी और सदरुद्दीन चिश्ती ने की और अपना परिचय दिया।

 आस्ताना में दाखिल,अकीदत का नजराना पेश

 बाद में राष्ट्रपति मुखर्जी समेत सभी लोग आस्ताना शरीफ में दाखिल हुए। राष्ट्रपति ने गरीब नवाज की मजार पर अकीदत का नजराना पेश किया। खादिम सैयद मुकद्दस मोईनी ने उन्हें जियारत कराई, दस्तारबंदी की और तबर्रुक भेंट किया।

 चांदी का मॉडल भेंट, दस्तारबंदी

 प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति के रूप में पहली बार दरगाह की जियारत करने पर साहबजादी सेहन में अंजुमन सैयदजादगान और अंजुमन शेखजादगान की ओर से इस्तकबाल किया गया। अंजुमन सैयदजादगान की ओर से सदर सैयद हिसामुद्दीन नियाजी ने राष्ट्रपति की दस्तारबंदी की। सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगाराशाह ने सिपासनामा (अभिनंदन-पत्र) पढ़कर सुनाया और भेंट किया। राष्ट्रपति को अंजुमन की ओर से दरगाह शरीफ का चांदी का मॉडल भी भेंट किया। अंजुमन शेखजादगान की ओर से सदर शेखजादा शमशाद मोहम्मद चिश्ती, सचिव एस हफीजुर्रहमान चिश्ती और सहसचिव एस नसीम अहमद चिश्ती ने दस्तारबंदी की और दुआनामा पेश किया। इस मौके पर दोनों अंजुमन की ओर से राज्यपाल आल्वा, सीएम गहलोत और केंद्रीय राज्य मंत्री सचिन पायलट का भी शॉल ओढ़ा कर इस्तकबाल किया गया।

 तलवार भेंट

 राष्ट्रपति मुखर्जी के जियारत करने के पश्चात लौटने पर बुलंद दरवाजे पर दरगाह कमेटी की ओर से इस्तकबाल किया गया। दरगाह कमेटी के सदर उबेदुल्लाह शरीफ ने राष्ट्रपति की दस्तारबंदी की और तलवार भेंट की। कमेटी सदस्य शेख अलीम, असरार अहमद और वहाज चौधरी ने तथा दरगाह नाजिम डॉ अंसार अहमद ने राज्यपाल, सीएम और केंद्रीय राज्यमंत्री के साथ आये अन्य मेहमानों की दस्तारबंदी कर तबर्रुक भेंट किया।

 बांग्ला में जीवनी भेंट की दीवान ने
 दरगाह के निजाम गेट पहुंचने पर राष्ट्रपति को दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने 'दी श्राइन इन कल्ट ऑफ मोइनुद्दीन चिश्ती' पुस्तक का बांग्ला अनुवाद भेंट किया। दस्तारबंदी की तथा सिपासनामा भेंट किया।

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