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10 जुलाई 2013

नेताओं पर चला सुप्रीम कोर्ट का डंडा, लालू यादव हो सकते हैं पहले शिकार

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अब कोई भी नेता जेल से चुनाव नहीं लड़ सकेगा। किसी कोर्ट में दोषी करार दिए जाने वाले जनप्रतिनिधियों के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी सदस्‍यता उसी क्षण से खत्‍म मानी जाएगी जिस क्षण कोई अदालत उन्‍हें किसी मामले में दोषी करार देगी।
 
पीपुल्‍स रिप्रेजेंटेटिव एक्‍ट की एक धारा के तहत किसी आपराधिक मामले में भी दोषी करार दिए जाने की स्थिति में सांसदों और विधायकों को अयोग्‍य करार दिए जाने के खिलाफ उन्‍हें मिली सुरक्षा के बारे में कानूनी प्रावधान को स्‍पष्‍ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि यह आदेश तत्‍काल प्रभाव से लागू होगा। यानी अब ट्रायल कोर्ट में भी दोषी करार दिए जाने पर सांसदों या विधायकों को सदस्‍यता छोड़नी पड़ेगी और कोई नेता जेल से चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा। वैसे, जिन नेताओं ने सजा के खिलाफ अपील कर रखी है, उन पर यह फैसला अभी लागू नहीं होगा। 
 
क्‍या होगा असर
 
1. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर कई नेताओं पर हो सकता है। दो पूर्व रेल मंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव इसके पहले शिकार हो सकते हैं। चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू के खिलाफ अदालत का फैसला जल्‍द ही आने वाला है। 
 
2. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद न्यायपालिका और विधायिका के बीच  टकराव के भी आसार बन गए हैं। नेता एक मत से संसद के जरिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निरस्‍त कर सकते हैं। 
 
3. जयललिता का उदाहरण: तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता को दो मामलों में क्रमश: दो और तीन साल की सजा हुई है। उन्‍होंने इसके खिलाफ अपील कर रखी है और इसी आधार पर वह मुख्‍यमंत्री बनी हुई हैं। लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो सकेगा। हालांकि फिलहाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन नेताओं ने अपनी सजा के खिलाफ अपील कर रखी है, उन पर ताजा आदेश नहीं लागू होगा। लेकिन यह केवल पुराने मामलों में लागू होगा। अब नए केस में अपील के आधार पर कोई नेता ऐसा फायदा नहीं उठा पाएगा। पहले अदालती प्रक्रिया पूरी होने में देरी का फायदा उठा कर नेता अपना राजनीतिक कॅरियर सुरक्षित रख लिया करता था। सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला नेताओं की इस प्रवृत्ति पर रोक लगाएगा।
 
4. राजनीति का अपराधीकरण रुकेगा: इस फैसले से राजनीति का अपराधीकरण रोकने में मदद मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर सीबीआई के पूर्व निदेशक जोगिंदर सिंह ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि न्यायपालिका को यह कदम आजादी मिलने के बाद ही उठा लेना चाहिए था।

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