कांग्रेस ने जहां राहुल गांधी को 'पीएम कैंडिडेट' बताया है,
वहीं भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी फेस बनाने व
उन्हें फ्रीहैंड देने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। लेकिन
पार्टी के भीतर और बाहर मोदी का विरोध थम नहीं रहा है। देश के 65 सांसदों
ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से अनुरोध किया है कि वह मोदी को अपने
देश का वीजा न दें। 25 राज्यसभा सांसदों ने एक लेटर साइन कर ओबामा को भेजा
तो 40 लोकसभा सांसदों ने भी रविवार को दोबारा से एक लेटर साइन कर अमेरिकी
प्रशासन को भेजा है। इसमें अमेरिका से मोदी के लिए मौजूदा वीजा नीति पर
कायम रहने का अनुरोध किया गया है। इसके लिए मोदी के ताजा हिंदू राष्ट्रवादी
बयान का भी हलावा दिया गया है। स्वतंत्र राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने
इसके लिए पहल की है।
उधर, बीजेपी में भी कई कई नेता नरेंद्र मोदी की राह में रोड़ा अटकाते
लग रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी की टीम को लॉलीपॉप बता कर निशाना
साधा है, तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आडवाणी को सुप्रीम लीडर करार
दिया है। बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने लोकसभा चुनावों की प्रचार समिति
के मुखिया नरेंद्र मोदी की टीम को लॉलीपॉप बताया है। बॉलीवुड में शॉटगन के
नाम से फेमस सिन्हा ने कहा कि गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी की दूर-दूर तक
लोकप्रियता सिर्फ मीडिया और पार्टी की वजह से है। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ
नेता लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ की और कहा कि पार्टी में लालकृष्ण आडवाणी
सबसे कद्दावर नेता हैं और वह त्याग और बलिदान की मूर्ति भी हैं। सिन्हा ने
मोदी की नई टीम में जगह न मिलने पर कहा कि चुनाव के लिए बनी समितियों में
कई वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की गई है। सिन्हा ने कहा कि उन्हें मोदी की टीम
से कोई उम्मीद नहीं है।
एक्टर से राजनेता बने सिन्हा ने कहा कि पार्टी के पीएम उम्मीदवार का
फैसला संसदीय समिति करेगी और इसके लिए पार्टी में कई उम्मीदवार हैं। सिन्हा
ने कहा, मोदी भले ही गुजरात में जोरदार जीत हासिल कर लोकप्रिय हो गए हों
लेकिन आडवाणी पार्टी के ही नहीं देश के भी वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें
नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सिन्हा ने कहा कि बीजेपी में सुषमा स्वराज,
जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा जैसे सीनियर नेता हैं और पार्टी में इनकी अनदेखी
नहीं की जा सकती। सिन्हा ने कहा कि भले ही सभी सीनियर बीजेपी नेता मोदी के
नीचे काम कर रहे हैं पर उन्हें नीचे काम करने की बात मंजूर नहीं होगी।
सिन्हा ने कहा इन वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर पीएम पद का चयन नहीं किया जा
सकता। उन्होंने अपने दिल की भड़ास निकालते हुए कहा कि उन्हें कभी भी किसी
पद के काबिल नहीं समझा गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही राजनाथ सिंह
से कह दिया था कि उन्हें अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। शॉटगन अपनी अपनी तारीफ
करने से भी नहीं चूके, उन्होंने कहा कि मेरे पास पद नहीं पर कद जरूर है।
उधर, कांग्रेस नेता दिग्जिवय सिंह ने आतंकवाद से लालकृष्ण आडवाणी का
नाम जोड़ दिया है। उनका कहना है कि आडवाणी की रथयात्रा के बाद आतंकी
घटनाओं में बढ़ोतरी हुई। वह शकील अहमद के बयान का बचाव कर रहे थे। शकील ने
कहा था कि गुजरात दंगों के बाद इंडियन मुजाहिदीन का जन्म हुआ था। इस बयान
के बाद शकील अहमद को आरएएस ने इंडियन मुजाहिदीन का प्रवक्ता बताया था और कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया था। बीजेपी
ने दिग्विजय के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्हें 'जोकर'
और 'राहुल गांधी का भोंपू' करार दिया है। (विस्तार से पढ़ने के लिए आगे के
स्लाइड पर क्लिक करें)
इस बीच, खाने के बिल को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। मुंबई में एक
रेस्टोरेंट मालिक को खाने के बिल में यूपीए की नीतियों की आलोचना करना
महंगा पड़ा है। इस बिल के जरिये यूपीए सरकार पर निशाना साधा गया था। इसका विरोध करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस होटल को जबरन बंद करा दिया है।
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