ऐ बेवफा
माशूक की तरह
मेरी जिंदगी
ऐ बेवफा
माशूक की तरह
मेरी सांस मेरी धड़कन ..
मुझे तुम
छोड़े जा रहे हो ...
जानता हूँ
जिंदगी ..साँसे और धड़कन
बहुत कम बची है मेरी पास ..
लेकिन फिर भी में चाहता हूँ
जितनी धड़कने है सिर्फ उसके लिए हो
जितनी सांसे हों सिर्फ उसके लियें हो
जितनी जिंदगी हो सिर्फ उसके लियें हो
में
कल तक
रोज़ मरने की ख्वाहिश रखने वाला
ना जाने क्यूँ
आज जीना चाहता हूँ
जीना चाहता हूँ
लेकिन कमबख्त
जिंदगी है के साथ छोड़े जा रही है
मोत का अलार्म बजती जा रही है .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
माशूक की तरह
मेरी जिंदगी
ऐ बेवफा
माशूक की तरह
मेरी सांस मेरी धड़कन ..
मुझे तुम
छोड़े जा रहे हो ...
जानता हूँ
जिंदगी ..साँसे और धड़कन
बहुत कम बची है मेरी पास ..
लेकिन फिर भी में चाहता हूँ
जितनी धड़कने है सिर्फ उसके लिए हो
जितनी सांसे हों सिर्फ उसके लियें हो
जितनी जिंदगी हो सिर्फ उसके लियें हो
में
कल तक
रोज़ मरने की ख्वाहिश रखने वाला
ना जाने क्यूँ
आज जीना चाहता हूँ
जीना चाहता हूँ
लेकिन कमबख्त
जिंदगी है के साथ छोड़े जा रही है
मोत का अलार्म बजती जा रही है .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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