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30 जून 2013

सैयद ने मोदी को बताया गुजरात में मुसलमानों का सच

गांधीनगर/नई दिल्ली. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने तब असहज स्थिति पैदा हो गई जब गांधीनगर में यंग इंडिया कॉनक्लेव नाम के एक कार्यक्रम में सच्चर कमेटी में विशेष अधिकारी रहे चुके सैयद जफर महमूद ने गुजरात और देश में मुस्लिमों की खराब हालत का जिक्र किया। जब गुजरात दंगों और मुस्लिम समुदाय की समस्याओं से जफर नरेंद्र मोदी को रूबरू करा रहे थे, तो वह बड़े ध्यान से उनकी बातें सुन रहे थे। बाद में महमूद ने कहा भी कि उनके विचारों को गंभीरता से लिए जाने पर वह काफी खुश हैं।
 
सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस के इस आयोजन में महमूद के प्रेजेंटेशन के बाद नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा, 'मुझे अच्छा लगा कि आपने ये सारी बातें रखीं। मैं इस पर विचार करुंगा।' यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी समाज के विभिन्न वर्गों तक अपनी स्वीकार्यता बढ़ा रहे हैं? महमूद ने कहा, 'बिल्कुल। इसी कारण मुझे यहां आमंत्रित किया गया। पहले तो मैंने आने से मना कर दिया था। लेकिन बाद में काफी सोचने के बाद लगा कि मुझे जाकर मोदी से मिलना चाहिए। ताकि उन्हें बताया जा सके कि भारत के मुस्लिम समुदाय की क्या सोच है और भाजपा से उनकी क्या शिकायतें हैं। क्यों मुस्लिम भाजपा और मोदी से दूर हैं। मैं बहुत खुश हूं कि मेरे व्याख्यान को मोदी और अन्य लोगों ने गंभीरता से लिया और इसे बड़े ध्यान से सुना।'
 
 
अपने व्याख्यान में महमूद ने 2002 के दंगों में विस्थापित हुए लोगों की समस्याओं को सामने रखा। उन्होंने कहा कि अगर मोदी उन इलाकों का दौरा करें, जहां ये विस्थापित रह रहे हैं तो यह प्रशंसनीय कदम होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह नई शुरुआत है? महमूद ने कहा कि मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं। अब तक मेरी जानकारी में राष्ट्रीय मंच पर कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं हुआ था कि जिसमें मुस्लिम समुदाय के किसी प्रतिनिधि ने भाजपा और उसके क्षत्रपों को चुनौती दी हो। कार्यकम में 150 में मुस्लिम समुदाय के कुल 30 वक्ताओं ने मोदी के सामने अपनी बात रखी।
 
मोदी ने किया 'राइट टू रिजेक्ट' का समर्थन 
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'राइट टू रिजेक्ट' की मांग का जोरदार समर्थन किया है। शनिवार को गांधीनगर में यंग इंडिया कॉनक्लेव में मोदी ने कहा कि मतदाताओं को नेताओं को खारिज करने के लिए राइट टू रिजेक्ट का अधिकार मतपत्र में मिलना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि इस अधिकार के मिलने के बाद गंदी हो चुकी राजनीति में सुधार संभव है। मोदी ने कहा कि एक बार मतदाताओं को राइट टू रिजेक्ट का अधिकार मिल जाएगा तो राजनीतिक पार्टियां पर साफ सुथरी छवि के लोगों को टिकट देने का दबाव बन जाएगा। अपने भाषण में मोदी ने बातों ही बातों में गुजरात के गवर्नर की भी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा एक तय सीमा रेखा के अंदर उन नेताओं को जिन्हें तय सीमा रेखा के अंदर राइट टू रिजेक्ट मिला हो, चुनाव में जीतने के बाद भी हारा हुआ माना जाना चाहिए।

1 टिप्पणी:

  1. Right to Reject ko laana bahut jaruri hai, Isase netao k hosh thikane aa jayenge. Modi G aur BJP ko muslimo ke prati naram ravaiya apanana chahiye....


    SANI SINGH CHANDEL, ALLAHABAD

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