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23 जून 2013

चीन से मुकाबला करना है तो लाओ सस्ती टेक्नोलॉजी: नितिन गडकरी



 

कोटा.21वीं सदी नॉलेज और टेक्नोलॉजी की है। सस्ती टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके ही हमारा देश चीन से मुकाबला कर सकता है। वह 5 रुपए की चीज 1 रुपए में बेचता है। हम भी लागत और मुनाफा कम कर अपने उत्पाद का बाजार खड़ा कर सकते हैं।
यह बात रविवार को लघु उद्योग भारती की ओर से कैरियर पॉइंट ऑडिटोरियम में आयोजित लघु उद्यमियों के सम्मेलन में मुख्यअतिथि और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कही। उन्होंने कहा कि देश धनवान है, लेकिन लोग गरीब हैं। यह देश की गलत आर्थिक नीति के कारण ही है। अर्थ नीति ऐसी होनी चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले। हमारे देश में लघु उद्योगों की स्थिति अच्छी नहीं है। व्यापार घाटा बढ़ रहा है और रुपए का अवमूल्यन हो रहा है।  देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री पर ध्यान देना होगा।
एथनोल 40, पेट्रोल 75 रुपए
गडकरी ने कहा कि एथनोल का इस्तेमाल कर हम क्रूड ऑयल के आयात पर खर्च होने वाली 6.50 लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा बचा सकते हैं। आज एथनोल 40 रुपए लीटर है, जबकि पेट्रोल 75 रुपए लीटर है। एथनोल से किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है। अमेरिका की जनरल मोटर कंपनी एथनोल से चलने वाली कारें बनाती है। हाल ही में हीरो कंपनी ने भी ऐसी बाइक तैयार की है। चीन में बैटरी से व्हीकल चल रहे हैं, तो भारत में क्यों नहीं। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण के कई उपाय बताए, जिससे विदेशी मुद्रा को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में कर्नाटक में सोने की खान बंद पड़ी है। क्यों नहीं इस खान को चालू कर दिया जाता, ताकि विदेशी मुद्रा को बचाया जा सके। घटती जीडीपी दर पर भी चिंता जताते हुए कहा कि अटलबिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, तब जीडीपी दर 8.5 प्रतिशत थी और अब 4.5 प्रतिशत से भी कम है।
सरकार ने गरीबों का उड़ाया मजाक: गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में ही शहर में 32 रुपए और गांव में 27-28 रुपए रोज कमाने वाले को संपन्न वर्ग की श्रेणी में बताकर गरीबों का मजाक उड़ाया गया।
गडकरी का स्वागत करने पहुंचे भाजपा नेता: दिल्ली से रविवार को चार्टर विमान से रवाना होकर सुबह 10.30 बजे कोटा हवाई अड्डे पर पहुंचे नितिन गडकरी का स्वागत करने के लिए स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या मौजूद थे। इनमें पूर्व सांसद रघुवीरसिंह कौशल, विधायक चंद्रकांता मेघवाल, शहर अध्यक्ष श्याम शर्मा, देहात अध्यक्ष प्रहलाद पंवार, महिला मोर्चा देहात जिलाध्यक्ष संगीता माहेश्वरी, प्रवक्ता योगेंद्र गुप्ता, कोटा व्यापार महासंघ अध्यक्ष क्रांति जैन, राजकुमार माहेश्वरी आदि शामिल थे। गडकरी सम्मेलन में भाग लेने के बाद दोपहर 12.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव एवं दी एसएसआई एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी ने लघु उद्योग भारती के चिंतन शिविर में कोटा स्टोन को फिर से ओरेंज केटेगरी में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी स्टोन उद्यमियों को हाल ही में नोटिस जारी कर 28 जून तक एनओसी लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि जानबूझ कर कोटा स्टोन उद्योग को प्रदूषण बोर्ड ने रेड केटेगरी में डाल रखा है। कोटा स्टोन उद्योग वाटर बेस स्लरी निकलती है, जिससे किसी तरह का कोई प्रदूषण नहीं होता है। प्रदूषण बोर्ड ने 28 जून तक एनओसी नहीं लेने पर बिजली के कनेक्शन काटने की चेतावनी दी है। इससे हाड़ौती की करीब 10 हजार स्टोन इकाइयां प्रभावित होंगी।
लघु उद्योग भारती के जिला इकाई के अध्यक्ष अचल पोद्दार ने कहा कि कोटा स्टोन को ग्रीन केटेगरी में शामिल किया जाए। ताकि बार-बार एनओसी नहीं लेनी पड़े। इस मामले को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर उठाया जाए।
जोधपुर के उद्यमी अनिल अग्रवाल ने लघु उद्योगों पर करारोपण, लघु उद्योगों के साथ सरकार के भेदभाव, चीन से प्रतिस्पर्धा, वित्त निगम की नकारात्मक सोच, महंगी बिजली दरें और इंस्पेक्टर राज जैसी समस्याएं उठाई। जयपुर के उद्यमी महेन्द्र मिश्रा ने क्लस्टर में राज्य सरकार के अड़ंगे की बात कही। इनके अलावा कई उद्यमियों ने मनरेगा योजना को उत्पादन से जोडऩे की बात कही। इससे पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल ने पावर प्रेजेन्टेशन के जरिए उद्योगों पर इंस्पेक्टर राज और 100 तरह की रिटर्न के बारे में बताया। उन्होंने औद्योगिक कानूनों का भी इस मौके पर जिक्र करते हुए कहा कि फैक्ट्री में दुर्घटना होने पर उसे भी रोड एक्सीडेंट की तरह माना जाए। इसमें उद्यमी की कोई गलती नहीं होती है। गुजरात से आए शलभ चंद्र बोहरा ने गुजरात की पावर टैरिफ के बारे में जानकारी दी। सम्मेलन में पूर्व सांसद रघुवीर सिंह कौशल, भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम शर्मा, लघु उद्योग भारती के संयोजक बीडी मूंदड़ा, प्रदेश सचिव कीर्ति जैन एवं जिला सचिव राजेन्द्र जैन समेत प्रदेश के सैकड़ों उद्यमी मौजूद थे।
खेती और उद्योग की हालत खराब
गडकरी ने कहा देश में उद्योगों और खेती की हालत खराब है। फर्टिलाइजर की कीमत पांच साल में चार गुना बढ़ चुकी है। महाराष्ट्र में बर्तन मांजने की मिट्टी 17 रुपए किलो और गेहूं 13 रुपए किलो बिकता है। गेहूं सस्ता है। कैसे सुधरेगी किसानों की हालत। किसान की हालत नहीं सुधरेगी तो इंडस्ट्री कैसे चलेगी। उन्होंने कहा कि विकास का केंद्रीयकरण नहीं विकेंद्रीकरण होना चाहिए।समारोह की अध्यक्षता करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि हमारा देश संस्कृति और खनिज संपदा के मामले इतना समृद्ध है, जितना और कोई देश नहीं। देश फिर भी गरीब है। हम आजादी के 66 साल बाद भी उतना विकास नहीं कर पाए, जितना होना चाहिए।
समारोह में इनका हुआ सम्मान
कैरियर पाइंट के डाइरेक्टर ओम माहेश्वरी एवं प्रमोद माहेश्वरी का कोचिंग इंडस्ट्री में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने पर और उद्योगपति ताराचंद गोयल एवं प्रकाश चंद गोयल औद्योगिक क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सम्मान किया गया।
जज्बे और हाड़तोड़ मेहनत से बन गए करोड़पति

इंजीनियरिंग करके उद्योग लगाया
॥मैंने मैकेनिकल ब्रांच में इंजीनियरिंग की है। सबसे पहले दो लाख रुपए पूंजी से 1976 में एक छोटा सा उद्योग लगाया था, वह भी ट्रांसमिशन प्लांट। इसके बाद टेलीकॉम, रॉलिंग मिल एवं कृषि यंत्रों की फैक्ट्री लगाई। पहली बार जब उद्योग लगाया तो पांच लाख का टर्नओवर था, जो मेहनत और भाग्य से 80 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच गया है। हमारे बनाए कृषि यंत्र दक्षिण अफ्रीका में भी निर्यात होते हैं। उद्योगों में मंदी तो कई बार आई, किंतु इस बार जैसी पहले कभी नहीं। पिछले दो साल से उद्योगों की हालत खराब है। इसकी वजह सरकार की गलत औद्योगिक और आर्थिक नीति है। सरकार की औद्योगिक विकास की सोच नहीं है। सरकार मनरेगा में लोगों को बिना काम रुपया बांट रही है। हम कहते हैं मनरेगा के श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन सरकार करे और श्रमिक हमें दे, हम उन्हें रोजगार देंगे।
महेन्द्र कुमार गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष लघु उद्योग भारती

पार्टनर से फैक्ट्री मालिक बना
॥1991 में बीएससी करने के बाद मेरा उद्योग लगाने का विचार था, लेकिन धन की तंगी के कारण उद्योग नहीं लगा पाया। मैंने पिता के दोस्त की जयपुर की फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। मेरा काम करने का तरीका देखकर उन्होंने मुझे फैक्ट्री में 25 प्रतिशत की पार्टनरशिप दे दी। दो साल उनके साथ काम करने के बाद मैंने एक कास्टिंग यूनिट किराये पर लेकर अपना खुद का काम शुरू कर दिया। हम लोग महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, उस समय मैं अकेला ही जयपुर आया था। वर्तमान में मेरे पास चार कास्टिंग यूनिट और फाउंड्री इंडस्ट्री है। सालाना 30 करोड़ का टर्नओवर है।
महेन्द्र कुमार मिश्रा, महासचिव राजस्थान फाउंड्री एसोसिएशन

राजस्थान से उत्तराखंड तक
॥वर्ष 1981 में उदयपुर में 30 हजार रुपए में माइनिंग मिनरल का काम शुरू किया था। माइनिंग मिनरल में निकलने वाले डोलामाइट, सोप स्टोन, स्टेराइड, चाइना क्ले इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट हैं। हमने मिनरल्स का कारोबार राजस्थान से शुरू हुआ था, जो आज उत्तराखंड में किच्छा तक फैला हुआ है। हैदराबाद में मिनरल्स के गोदाम हैं। हमारे मिनरल्स सबसे ज्यादा 90 प्रतिशत एशियन पेंट्स खरीदता है। वर्तमान में हमारा टर्नओवर 22 करोड़ रुपए सालाना का है। मेरी सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि उद्योगों के लिए जमीन है, लेकिन भूमाफिया के कारण जमीन इतनी महंगी हो गई है कि आज के समय में कोई इंडस्ट्री लगाने की कल्पना नहीं कर सकता।
वीरेंद्र कुमार डांगी, उद्यमी उदयपुर

उत्तराखंड में बने मास्टर प्लान : गडकरी
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार को मास्टर प्लान बनाना चाहिए। उत्तराखंड में रोड नेटवर्क और रेलवे सिस्टम को हाईटेक करने की जरूरत है, ताकि पहाड़ी क्षेत्र में यातायात के लिए उसका उपयोग किया जा सके। विदेशों में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है। कोटा में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि गडकरी ने कहा कि जब वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो उन्होंने उस समय उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री से मास्टर प्लान तैयार करने के लिए कहा था। इस पर काम भी शुरू कर दिया गया था, लेकिन सरकार बदलने के बाद काम आगे नहीं बढ़ सका।

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