दो दिन पहले चाइल्डलाइन व अन्य संस्थाओं के माध्यम से शहर में भीख मांगते 44 बच्चों को पकड़ा गया था, उन्हें विभिन्न संस्थाओं में रखा गया। सोमवार को बाल कल्याण समिति के समक्ष सभी बच्चों के परिजनों ने उपस्थित होकर उन्हें छोडऩे के लिए कहा।
इसमें एक बालक पवन ने अपने परिवार के पास जाने से इंकार कर दिया। उसने बताया कि विज्ञाननगर निवासी उसके पिता सुसान विश्वास उसे शराब पीकर पीटते थे, इससे परेशान होकर डेढ़ साल पहले वह घर से भाग गया था। इसलिए उसे वहां नहीं भेजा जाए। उसे उत्कृष्ट संस्था को पढ़ाने की व्यवस्था करने के लिए भेजा गया है। उसके पिता को भी बुलाया गया है ताकि उसे समझाया जाए।
26 बच्चे परिजनों को सौंपे
समिति के सदस्य विमल जैन ने बताया कि 44 बच्चों में से 4 को तो उसी दिन छोटी उम्र होने के कारण छोड़ दिया था, 40 में से 26 को उनके परिजनों की ओर से दिए गए शपथपत्र पर उनके हवाले कर दिया गया। इन परिजनों की आईडी समिति ने अपने पास रख ली है, जब वे बच्चों को पढ़ाने के प्रमाण प्रस्तुत करेंगे तब उन्हें आईडी लौटाई जाएगी। इसमें तीन विधवा महिलाओं को समाज कल्याण विभाग के माध्यम से विधवा पेंशन व बच्चों को पालनहार योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए गए।
वकील ने भी नहीं छोड़ा
जैन ने बताया कि इन बच्चों के परिजनों से शपथपत्र तैयार कराने के लिए एक वकील ने पांच-पांच सौ रुपए लिए हैं, शिकायत मिलने पर समिति की अध्यक्ष पुखराज भाटिया ने उन्हें फटकार लगाते हुए रुपए वापस लौटाने को कहा है। समिति की बैठक में शाहिना परवीन व कुसुम विजय भी मौजूद थी।
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