एक वो भी वक्त था जब यह गन लड़ाइयों में अपने जलवे बिखेरती थी। इस गन का नाम है जमजमा गन। जमजमा गन एक बड़ी बोर की तोप है। यह 1757 में लाहौर में बनी थी। इस समय यह तोप पाकिस्तान में है। दुर्रानी के शासन काल में यह तोप उसके पास हुआ करती थी।
इस गन का इस्तेमाल 1761 में पानीपत की लड़ाई में किया गया था। 1802 में इस गन पर रंजीत सिंह का अधिकार हो गया। उन्होंने इसका इस्तेमाल डास्का, कसूर, सुजानपुर, वजीराबाद और मुल्तान की लड़ाइयों में किया था। मुल्तान की घेराबंदी के दौरान इस गन को काफी नुकसान हो गया। इस समय इसे पाकिस्तान के लाहौर म्यूजियम में रखा गया है।
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