हम तो लिखते ना थे किसी ज़माने में
पर तेरी आश्की ने शायर बना दिया
दिल तो हसता आया है ज़माने से
पर इक पल तो तूने रुला दिया
जान फिर भी ना निकली इस दीवाने में से
क्योकि तेरे प्यार ने मुझे अमर बना दिया। —
पर तेरी आश्की ने शायर बना दिया
दिल तो हसता आया है ज़माने से
पर इक पल तो तूने रुला दिया
जान फिर भी ना निकली इस दीवाने में से
क्योकि तेरे प्यार ने मुझे अमर बना दिया। —
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