जयपुर। धोखाधड़ी के शिकार व्यक्ति ने दौसा पुलिस अधीक्षक की
शिकायत पुलिस मुख्यालय को की है। उसका आरोप है कि एसपी ने कॉलोनाइजर से
मिलीभगत कर उसे झूठे मुकदमों में फंसाया और प्रताड़ित किया। इधर डीजीपी
हरीश चन्द्र मीणा ने तत्काल एडीजी क्राइम को मामले की जांच के निर्देश दिए
हैं।
दौसा में जीरोता के श्याम सरोवर निवासी संजीव शर्मा ने अमित कॉलोनाइजर
के मालिक विजय कुमार विजयवर्गीय व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सदर
थाने में दर्ज कराया था। हालांकि पुलिस ने कार्रवाई के बजाय पीड़ित को ही
मामला रफा-दफा करने की सलाह दे डाली।
सरकारी जमीन पर दे दिए आवासीय पट्टे
संजीव ने कॉलोनाइजर विजयवर्गीय से 16.5 लाख रु. में दौसा के श्याम
सरोवर में एक मकान खरीदा था। कॉलोनाइजर ने इस आवासीय योजना के लिए नगर
परिषद से भू-रूपांतरण नहीं करा रखा था और रामगढ़ बांध नहर की जमीन पर अवैध
कब्जे कर लोगों को पट्टे दे दिए।
इससे लोगों को पानी-बिजली व अन्य सुविधाएं नहीं मिलने से परेशानी हो
रही थी। इस संबंध में संजीव ने सदर थाने में भूमाफिया के खिलाफ धोखाधड़ी का
केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने पीड़ित को केस वापस लेने
की सलाह दी। जब उसने ऐसा नहीं किया तो कॉलोनाइजर से जुड़े तीन अन्य जनों
ने संजीव के खिलाफ एसटी-एससी सहित कई केस दर्ज करा दिए। एसपी सत्यनारायण
खिंची ने बिना जांच के ही सदर थाना प्रभारी को संजीव को गिरफ्तार करने का
निर्देश दिया।
इस मामले में दौसा एसपी सत्यनारायण खिंची का कहना है कि मैं किसी
कॉलोनाइजर को नहीं जानता। मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, वे गलत हैं। संजीव
शर्मा के खिलाफ मामले दर्ज थे, इसलिए उसे गिरफ्तार किया था। संजीव ने जो
मामले दर्ज कराए थे, उनमें जांच चल रही है।
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