जयपुर। कोटा में दो अवैध निर्माणों को लेकर उठे विवाद के बाद
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने दोनों भवनों की जांच के लिए कमेटी गठन
करने के निर्देश दिए हैं। दो सदस्यीय कमेटी में अधिकारी कोटा से बाहर के
होंगे। इस बीच दोनों भवनों में निर्माण कार्य रुकवा कर वहां चौबीसों घंटे
के लिए गार्ड बिठा दिए गए हैं। धारीवाल ने कहा कि अगर कहीं अवैध निर्माण
हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए, पहले भी हुई है और आगे भी होगी।
पीडब्ल्यूडी मंत्री भरत सिंह ने बुधवार को कोटा के टीचर्स कॉलोनी और
सिविल लाइन्स में खुद के आवास के पीछे हो रहे निर्माण को लेकर आपत्ति की और
नगर निगम के सीईओ को साथ ले जाकर मौका दिखाया था। नगरीय विकास मंत्री
धारीवाल से लंबे समय से चल रही अनबन के चलते सिंह की इस कार्रवाई को काफी
महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सिंह का आरोप है कि दस बार शिकायत करने के बाद
भी न तो अवैध निर्माण रोका जा रहा है और न ही हटाने की कार्रवाई की जा रही
है।
धारीवाल ने गुरुवार को ‘भास्कर’ से बातचीत में कहा कि जब-जब नोटिस में
आता है, अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाए जाते हैं। किसी प्रकार का कोई
भेदभाव नहीं करते। लेकिन अगर कोर्ट स्टे आ जाए या मामला जांच में हो तो
कार्रवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि कोटा दो प्रकरण में से एक में
जांच चल रही है। अतिक्रमण है या अवैध, यह जांच के बाद तय होगा। उन्होंने
कोटा में बुधवार को सीईओ को ले जाकर मौका दिखाने की घटना पर कोई टिप्पणी
करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि अगर कोई बड़ी शख्सियत कोई मामला उठा रही है तो जांच
होनी ही चाहिए। काम रुकवा दिया और गार्ड बिठा दिए हैं : संधू नगरीय विकास
विभाग के एससीएस जी.एस. संधू का कहना है कि विवादित स्थलों पर निर्माण
रुकवा दिया और चौबीसों घंटे के लिए गार्ड बिठा दिए हैं। साथ ही नगरीय विकास
मंत्री के निर्देश पर दो अधिकारियों की कमेटी गठित कर दी है। ये निर्माण
किसी पार्षद के रिश्तेदार के हैं या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। निर्माण
अगर अवैध है तो वो किसी का भी हो, हटेगा।
मुझे अवैध दिखता है, निगम के अफसरों को क्यों नहीं : भरत सिंह
पीडब्ल्यूडी मंत्री भरत सिंह ने कहा कि कोटा में दो स्थानों पर अवैध
निर्माण दो साल से चल रहा है। मैं जब भी वहां से निकलता हूं तो मुझे दस बार
दिखता है, निगम के अफसरों को क्यों नहीं दिखता। मैं इस सरकार में मंत्री
हूं और मेरे सामने यह गलत काम हो रहा है, यह कैसे हो सकता है। इसके बारे
में नगरीय विकास विभाग के एसीएस जी.एस. संधू और निगम के सीईओ को दस बार
बताया, फिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अवैध निर्माण के ऑर्डर एक्जीक्यूट
ही नहीं हो रहे। मुझे हैरानी है कि कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
कार्रवाई तो सीईओ ही करेगा : महापौर
कोटा की महापौर डॉ. रत्ना जैन ने माना कि अतिक्रमण था, काफी बार मुझे
भी बताया गया, मैंने सीईओ को शिकायत बता दी थी। अब कार्रवाई तो सीईओ और
अफसरों को ही करनी है, मैं मौके पर थोड़े ही जाऊंगी। इस मामले में
मंत्रियों के हस्तक्षेप पर कहा, इसमें भरत सिंह का व्यक्तिगत हित नहीं और
शांति धारीवाल का भी नहीं है। फाइल कहां हैं और क्यों भेजी गई है, इस बारे
में उनका कहना था कि वे फाइल देखकर ही बता पाएंगी।
काम रुकवा दिया और गार्ड बिठा दिए हैं : संधू
नगरीय विकास विभाग के एससीएस जी.एस. संधू का कहना है कि विवादित
स्थलों पर निर्माण रुकवा दिया और चौबीसों घंटे के लिए गार्ड बिठा दिए हैं।
साथ ही नगरीय विकास मंत्री के निर्देश पर दो अधिकारियों की कमेटी गठित कर
दी है। ये निर्माण किसी पार्षद के रिश्तेदार के हैं या नहीं इसकी जानकारी
नहीं है। निर्माण अगर अवैध है तो वो किसी का भी हो, हटेगा। इससे पहले मिली
शिकायतों पर हर बार सीईओ को निर्माण रुकवाने के निर्देश दिए और पालना भी
हुई है।
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