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08 मई 2013

सीबीआई और सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ा, निरुपम बोले- बेवक्‍त की बांसुरी बजा रहा है कोर्ट

नई दिल्ली। कर्नाटक में आए चुनाव नतीजों से बुधवार को कांग्रेस को मिली खुशी सुप्रीम कोर्ट के तल्‍ख रुख से थोड़ी कम जरूर हुई होगी। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को कोयला घोटाले मामले में महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान सीबीआई और सरकार दोनों को फटकार लगाई। इस पर कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने बेवक्‍त की बांसुरी बजाई है। 
 
सीबीआई के हलफनामे () पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सीबीआई, सरकार के तोते की तरह काम कर रही है और वह सिर्फ वही बोलती है जो तोते के मालिक उससे बुलवाना चाहते हैं। अदालत ने कहा कि सीबीआई स्वतंत्र नहीं है और इसकी स्वतंत्रता बहुत जरूरी है। अदालत ने यह भी पूछा कि सीबीआई को स्वतंत्र करने के लिए सरकार क्या कर रही है और यह कैसे मान लिया जाए कि यह कोयला घोटाले की जांच निष्पक्ष होगी। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई ने कहा है कि जैसे अदालत चाहेगी उसी तरीके से मामले की जांच की जाएगी।  
 
अदालत में पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई निदेशक के दिए हलफनामे पर सुनवाई चल रही थी। सीबीआई निदेशक ने कोर्ट में कहा था कि केंद्रीय कानून मंत्री के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कोयला घोटाले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट बदलवाई।
 
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी कानून मंत्री अश्विनी कुमार पर भारी पड़ेगी। बुधवार को कोर्ट में भी अटॉर्नी जनरल ने सारा ठीकरा कानून मंत्री पर ही फोड़ दिया। उन्‍होंने कहा कि कानून मंत्री के कहने पर ही स्‍टेटस रिपोर्ट की ड्राफ्ट मंगवाई गई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे में निष्‍पक्ष जांच की उम्‍मीद कैसे की जा सकती है?
अदालत ने अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती को भी झूठ बोलने पर फटकार लगाई। वाहनवती ने पहले अदालत में कहा था कि सीबीआई की कोयले घोटाले की जांच रिपोर्ट किसी को नहीं दिखाई गई थी। बाद में सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा था कि रिपोर्ट कानून मंत्री, अटॉर्नी जनरल, पीएम ऑफिस और कोयला मंत्रालय के अधिकारियों तक को दिखाई गई थी। वाहनवती का कहना है कि उन्होंने कानून मंत्री के कहने पर सीबीआई अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने न तो रिपोर्ट पढ़ी थी और न ही देखी थी। इस्तीफा दे चुके तत्कालीन एडिशनल सॉलिसिटर जनरल हरीन रावल ने कहा था कि राजनेताओं को रिपोर्ट नहीं दिखाई गई थी। अदालत ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट को दिखाने से इसका भाव ही बदल गया है।

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