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26 मई 2013

आंध्र प्रदेश के इनामी मास्टर ट्रेनर ने किया था नक्सली हमले को लीड



रायपुर. छतीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के सम्बन्ध में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है, सूत्रों के मुताबिक इस हमले को लीड करने वाला आन्ध्र प्रदेश का इनामी नक्सल उग्रवादी बताया जा रहा है. विनोद उर्फ़ पांडु के नाम का यह नक्सली आन्ध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे मलाजखंड क्षेत्र में नक्सलियों को ट्रेनिंग देता है. आँध्रप्रदेश सरकार ने इसपर पांच लाख का इनाम रखा था. बताया जा रहा है कि विनोद ने इस हमले के लिए 90 महिलाओं को भी ट्रेनिंग दे थी. आंध्र प्रदेश के बड़े नक्सली रमन्ना का ख़ास बताया जाने वाला पांडू एक नक्सली ट्रेनर है. इस हमले का मास्टर माइंड सीपीआई माओवादी का सचिव सुरेंद्र बताया जाता है। विनोद लगातार उसके संपर्क में था।
सूत्रों के मुताबिक इस हमले के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार को पहले ही चेताया गया था. आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच पुलिस की हुई इंटरस्टेट मीटिंग में आंध्र प्रदेश के बड़े पुलिस अधिकारियों ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया था कि छत्तीगढ़ की सीमा के आस-पास नक्सलियों की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं. इस चेतावनी के बाद छत्तीसगढ़ प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमले को अंजाम दिया गया.
नक्सली चिल्ला रहे थे बंद करो ग्रीन हंट, वरना नहीं बचेंगे कांग्रेसी नेता 
 
नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं की हत्या करने के बाद उनकी मौत पर जश्न भी मनाया। वे बार-बार मानवता की सारी हदें पार कर रहे थे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की लाश पर नक्सलियों ने जमकर तमाशा किया। लाश को घेर कर देर तक नाचते रहे।  लाश पर उछलकूद करते हुए वे बार-बार बंदूक के बट से शव को मारते जा रहे थे। बीच-बीच में उनका नाम लेकर गाली-गलौज भी कर रहे थे।  नक्सली हमले में घायल हुए लोगों ने रामकृष्ण केयर अस्पताल में चौंकाने वाली जानकारी दी है। घायल कांग्रेस नेता डॉ. शिवनारायण द्विवेदी ने बताया कि फायरिंग के बाद पूरे काफिले को रोकने के बाद नक्सलियों ने सारी गाड़ियों को घेर लिया था। उसके बाद वे एक-एक कार के पास पहुंचकर पूछ रहे थे कि नंद कुमार पटेल कौन है? दिनेश कौन है? महेंद्र कर्मा, दीपक और सत्यनारायण शर्मा का भी नाम लिया। शुरू में सब खामोश बैठे रहे। गुस्से में आकर नक्सलियों ने कार से लोगों को निकाल-निकालकर मारना शुरू कर दिया।हत्या के बाद नक्सली माओवाद जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे। बोल रहे थे कि अगर ग्रीन हंट ऑपरेशन बंद नहीं होगा तो कांग्रेस के बाकी नेता भी नहीं बचेंगे। इस दौरान कांग्रेस के अन्य नेता व कार्यकर्ता सहमे रहे। नक्सलियों के नंगा नाच के बीच वे भगवान से यही प्रार्थना करते रहे कि किसी तरह उनकी जान बच जाए।
 
ऐन वक्त पर रूट बदलने से खड़े हुए सवाल, योजना गादीरास होते हुए जगदलपुर जाने की थी
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और महेंद्र कर्मा की सहमति से काफिला जिस रास्ते से जाना था, उसे ऐन वक्त बदल दिया गया। योजना सुकमा से दंतेवाड़ा जाने वाले वाया गादीरास होते हुए जगदलपुर जाने की थी। ऐन वक्त पर कांग्रेसियों के साथ बैठे दंतेवाड़ा के एक स्थानीय नेता के कहने पर रूट बदल दिया गया। इसके बाद काफिला गादीरास के बजाय सुकमा से तोंगपाल, दरभा होते हुए जगदलपुर के लिए निकला।  इस मार्ग में नेताओं के स्वागत के लिए झंडे-बैनर भी नहीं लगे थे। गादीरास वाले रास्ते पर कई गांवों में परिवर्तन यात्रा के काफिले के स्वागत की तैयारियां थीं। बावजूद इसके वो दूसरे रास्ते से निकले। यह फैसला उन्हें महंगा पड़ा। अब पुलिस तहकीकात में लगी है कि आखिर किसके कहने पर और क्यों दरभा होते हुए आने का फैसला लिया गया?
 
मृतकों के नाम
 
नंदकुमार पटेल- पीसीसी अध्यक्ष, रायगढ़ 
दिनेश पटेल- नंदकुमार पटेल के पुत्र, रायगढ़ 
उदय मुदलियार- भूतपूर्व विधायक राजनांदगांव 
अल्लाह नूर - कांग्रेस कार्यकर्ता, राजनांदगांव 
महेंद्र कर्मा - भूतपूर्व विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष, दंतेवाड़ा 
योगेंद्र शर्मा - कांग्रेस कार्यकर्ता, धरसींवा (रायपुर) 
राजेश चंद्राकर - योगेंद्र शर्मा का ड्राइवर, गिरा (बलौदाबाजार) 
मनोज जोशी - वाहन स्वामी व चालक, दरभा  
अभिषेक गोलछा - कांग्रेस कार्यकर्ता, नगरी 
गनपत नाग - कांग्रेस कार्यकर्ता, दरभा 
गोपीचंद माधवानी - कांग्रेस कार्यकर्ता, जगदलपुर 
सदासिंह नाग - कांग्रेस कार्यकर्ता, छिंदावाड़ा (दरभा) 
भागीरथी - कांग्रेस कार्यकर्ता , छिंदावाड़ा (दरभा) 
राजकुमार -हेल्पर, दरभा 
चंदरराम - मजदूर, बम्हनी (ओडिशा) (ट्रक में बैठकर आ रहा था) 
प्रहलाद - मजदूर, बम्हनी (ओडिशा) (ट्रक में बैठकर आ रहा था) 
एमानुएल केरकेट्टा- सहायक उप निरीक्षक, रक्षित केंद्र जगदलपुर 
प्रफुल्ल शुक्ला - सहायक उप निरीक्षक प्रथम वाहिनी छस बल भिलाई 
अशोक कुमार - प्रधान आरक्षक 4थी वाहिनी छस बल सुरक्षा कंपनी रायपुर 
चंद्रहास ध्रुव - आरक्षक, आमागांव नगरी, (रक्षित केंद्र जगदलपुर) 
पात्रिक खलखो - प्रधान आरक्षक, गोरिया जशपुर (रक्षित केंद्र जगदलपुर) 
राहुल प्रताप सिंह - आरक्षक, अनूपपुर मप्र (रक्षित केंद्र जगदलपुर) 
तरुण देशमुख - आरक्षक, खेपली दुर्ग (रक्षित केंद्र जगदलपुर) 
 
 
मारे गए लोगों में 1२ कांग्रेसी, 8 पुलिस और सीएएफ के जवान व 4 अन्य ग्रामीण हैं 
-नक्सलियों के हमले में शहीद आठ जवानों के हथियार नक्सलियों ने लूट लिए।
 
घायलों के नाम
 
पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, विधायक कवासी लखमा नागारास जिला सुकमा, पूर्व विधायक फूलोदेवी नेताम केशकाल, पूर्व विधायक धमतरी हर्षद मेहता, राजीव नारंग जगदलपुर, शिव सिंह ठाकुर रायपुर, चंद्रभान झाड़ी जगदलपुर, पीएसओ अब्दुल रशीद रायपुर, राजू टोप्पो, महेंद्र कर्मा के वाहन चालक रौशन दुल्हानी, लखन, बालसिंह बघेल, डॉ. विवेक बाजपेयी का चालक राजीव सिंह, पीएसओ नंदकिशोर डिगोरसे, ड्राइवर विवेक कुमार बिलासपुर, नंदकुमार पटेल का ड्राइवर निकेतन दास खरसिया, विद्याचरण शुक्ल का ड्राइवर के. बाला रायपुर, हेड कांस्टेबल शफीक खान, साहू समाज के उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू, एएसआई डीएफ अमर सिंह, पायलट ड्यूटी चौथी बटालियन लखन सिंह, ड्राइवर दशाराम सिदार, अंजय शुक्ला रायपुर, डॉ. शिवनारायण रायपुर, सुरेंद्र शर्मा, मलकीत सिंह गैदू जगदलपुर, विवेक बाजपेयी, चोलेश्वर चंद्राकर, अब्दुल शाहीद, 
सतार अली कोंटा, सियाराम सिंह, दशरूराम, ओईराम।
 

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