बेंगलुरू। कर्नाटक में कुल 223 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले
जा रहे हैं। सुबह सात बजे से ही मतदान जारी है। सुबह के 11 बजे तक
कर्नाटक के विभिन्न मतदान केंद्रों पर 15% ही मतदान हो पाया था। जबकि एक
बजे का आंकड़ा 36.8 फीसदी रहा। कोलार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस
और जेडी (एस) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। कोलार में मतदान केंद्र के
बाहर स्थानीय लोग नंगी तलवारों के साथ उत्पात मचाते दिखे। पुलिस ने अभी
तक चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय प्रशासन के अलावा चुनाव
आयोग ने पूरी मामला को गंभीरता से लिया है।
वहीं, कर्नाटक के जागरूक मतदाताओं ने भाजपा नेता वेंकैया नायडू को
लाइन में खड़ा करने को विवश कर दिया। नायडू को उस वक्त शर्मिंदगी झेलनी
पड़ी जब वो अपना वोट डालने के लिए बिना कतार में लगे ही मतदान केंद्र की
तरफ बढ़ने लगे। कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य नायडू बेंगलुरु शहर में
मल्लेश्वरम विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं। नायडू अपने दल-बल के साथ जब
अपना वोट डालने पहुंचे तो बूथ पर लाइन लगी थी। वो सीधे मतदान कक्ष की तरफ
बढ़ने लगे। ऐसा देख पहले से लाइन में खड़े लोगों ने ऐतराज किया। नायडू ने
हालांकि दलील भी दी कि चूंकि सांसद होने के नाते उन्हें कई पूर्व
निर्धारित कार्यक्रमों में हिस्सा लेना है और इस वजह से उनके पास वक्त की
कमी है। लेकिन लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी। आखिरकार, नायडू और उनके साथ आए
लोगों को भी लाइन में लगकर वोट देना पड़ा।
पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा सुबह ही अपना वोट डाल चुके हैं। गर्मी
की वजह से वोटिंग का वक्त 1 घंटा बढ़ा दिया गया है। शाम 6 बजे तक वोट डाले
जा सकेंगे। राज्य के करीब 1100 मतदान केन्द्रों की निगरानी के लिए कैमरे
लगाए गए हैं। कर्नाटक में कुल 4.35 करोड़ मतदाता हैं। इस बार वोटिंग के लिए
65 हजार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को मंगाया गया है।
224 सीटों के लिए कुल प्रत्याशियों की संख्या 2948 है। इसमें
कांग्रेस के 224, भाजपा के 223, जेडी (एस) के 222, केजेपी के 224, बसपा के
175, एनसीपी के 24, सीपीएम के 17 और निर्दलीय के 1839 उम्मीदवार हैं।
पुरूष प्रत्याशी की संख्या 2278 और महिला प्रत्याशी की संख्या 170 है।
पेरियापटना विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव
रद्द कर दिया गया है। वहां अब 28 मई को मतदान होगा। राज्य में मुकाबला
सत्तारूढ़ भाजपा, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी
देवेगौड़ा की पार्टी जद (एस) के बीच है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बी एस
येदियुरप्पा की अगुवाई वाली कर्नाटक जनता पार्टी की मौजूदगी ने सभी दलों की
मुश्किल बढ़ा दी है।
वर्ष 2008 में संपन्न चुनावों में भाजपा को 110 सीटें मिली थीं जो
बहुमत से मात्र तीन सीटें कम थीं। पार्टी ने पांच निर्दलीयों की मदद से
सरकार बनाई और पांचों निर्दलीयों को मंत्री बनाया गया था। कांग्रेस को 80
और जद (एस) को 28 सीटें मिली थीं। चुनावों में कुल 64.91 फीसदी मतदाताओं ने
अपने मताधिकार का उपयोग किया था। चुनाव आयोग और कुछ गैर सरकारी संगठनों ने
मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने की खातिर अभियान चलाया है। यह
अभियान देश की आईटी राजधानी बेंगलूर में खास तौर पर चलाया गया।
दूसरी ओर, रेलगेट प्रकरण से भाजपा को कर्नाटक में उम्मीद जगी है।
चुनाव से ठीक पहले रेलगेट मुद्दा गरमाने से भाजपा यह उम्मीद कर रही है कि
कांग्रेस ने राज्य में भ्रष्टाचार के जितने मुद्दे भाजपा के खिलाफ उछाले थे
वह बैक फायर करेगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि
कर्नाटक में भाजपा ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था।
कोलगेट प्रकरण से भाजपा का आरोप को बल मिला है और राज्य की जनता के सामने
सच्चाई एक बार फिर आई है। उन्होंने माना है कि चुनाव से ठीक पहले रेलगेट
मुद्दा कांग्रेस को राज्य में भारी पड़ सकता है।
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