दिल्ली की एक अदालत ने सिक्ख सामूहिक नरसंहार मामले में सज्जन दास को बरी कर दिया है यह एक अदालती मामला है फिर भी ना जाने क्यूँ कुछ लोग सरकार के नुमाइंदों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है ..बात कुछ समझ में नहं अति है क्योंकि अदालत का फेसला सरकार के हाथ में नहीं होता है गवाह और सुबूतों के हाथ में होता है ...और अगर फेसले से पीड़ित पक्षकार असंतुष्ट है तो फिर इस मामले में अपील की जा सकती है कोई गवाह रह गया हो तो उसकी गवाही के लियें प्रार्थना अत्र पेश किया जा सकता है लेकिन अदालत के फेसले पर हंगामा न्यायालय की अवमानना तोहींन है और यह एक गम्भीर चिंता का प्रश्न है हमारे देश के संवेदनशील नागरिक है प्रदर्शनकारी आहत है लेकिन वोह सज्जन दस के बरी मामले को लेकर जो सियासत कर रहे है उससे जो म्र्तक सिक्ख है उनके खुनियों या खुनियों को उकसाने वाले दरिंदों को कोई न्याय मिलने वाला नहीं है बहतर है के वोह अपनी ताकत सम्भाल कर रखे और अपनी ताकत अपना वक्त अपनी अक्ल इस अपराधिक मामले में अपील करने में लगाये और अपीलीय न्यायलय को सज्जनकुमार केसे दोषी है उन्हें केसे सजा मिले इसे समझकर दोषी को केसे सज़ा मिले समझाएं इसके लियें वेसे तो पीड़ित पक्षकारों के पास बढ़े वकील है लेकिन फिर भी मेरी तरफ से पिद्ती पक्षकार उनके परिजनों से निवेदन है के अगर वोह मेरी मदद लेना चाहे तो मुझे कागज़ भेजे में मुफ्त विधिक सेवा कर प्रकरण में दोषी व्यक्ति चाहे वोह सज्जन कुमार हो चाहे कोई और सभी को सज़ा दिलवाने की कामयाब कोशिश करेंगे ............एडवोकेट अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 मई 2013
सज्जन दास बरी तो हुए लेकिन अपील में तो उसे सजा दिलवाओ ..प्रदर्शन और सियासत में क्यूँ वक्त बर्बाद करते हो मेरे भाइयों
दिल्ली की एक अदालत ने सिक्ख सामूहिक नरसंहार मामले में सज्जन दास को बरी कर दिया है यह एक अदालती मामला है फिर भी ना जाने क्यूँ कुछ लोग सरकार के नुमाइंदों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है ..बात कुछ समझ में नहं अति है क्योंकि अदालत का फेसला सरकार के हाथ में नहीं होता है गवाह और सुबूतों के हाथ में होता है ...और अगर फेसले से पीड़ित पक्षकार असंतुष्ट है तो फिर इस मामले में अपील की जा सकती है कोई गवाह रह गया हो तो उसकी गवाही के लियें प्रार्थना अत्र पेश किया जा सकता है लेकिन अदालत के फेसले पर हंगामा न्यायालय की अवमानना तोहींन है और यह एक गम्भीर चिंता का प्रश्न है हमारे देश के संवेदनशील नागरिक है प्रदर्शनकारी आहत है लेकिन वोह सज्जन दस के बरी मामले को लेकर जो सियासत कर रहे है उससे जो म्र्तक सिक्ख है उनके खुनियों या खुनियों को उकसाने वाले दरिंदों को कोई न्याय मिलने वाला नहीं है बहतर है के वोह अपनी ताकत सम्भाल कर रखे और अपनी ताकत अपना वक्त अपनी अक्ल इस अपराधिक मामले में अपील करने में लगाये और अपीलीय न्यायलय को सज्जनकुमार केसे दोषी है उन्हें केसे सजा मिले इसे समझकर दोषी को केसे सज़ा मिले समझाएं इसके लियें वेसे तो पीड़ित पक्षकारों के पास बढ़े वकील है लेकिन फिर भी मेरी तरफ से पिद्ती पक्षकार उनके परिजनों से निवेदन है के अगर वोह मेरी मदद लेना चाहे तो मुझे कागज़ भेजे में मुफ्त विधिक सेवा कर प्रकरण में दोषी व्यक्ति चाहे वोह सज्जन कुमार हो चाहे कोई और सभी को सज़ा दिलवाने की कामयाब कोशिश करेंगे ............एडवोकेट अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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