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13 मई 2013

जैसे ही जली हवन की आग, चली गोलियां, बरसे पत्थर और हर तरफ दिखा खून ही खून


रोहतक. खूनी हिंसा में तीन लोगों की जान जाने के बाद करौंथा के बहुचर्चित सतलोक आश्रम विवाद का सर्वसम्मति से हल के लिए बातचीत के आरंभिक प्रयास सिरे नहीं चढ़ पाए। प्रदेश के शीर्ष सियासी एवं प्रशासनिक नेतृत्व से बातचीत करने के लिए योग गुरू बाबा रामदेव रोहतक पहुंचे, लेकिन बातचीत सिरे न चढ़ती देख आधी रात को ही वापस लौट गए। 
 
देर रात रामदेव से मिलने पहुंचे रोहतक के डीसी विकास गुप्ता व एसपी विवेक शर्मा से एक घंटे लंबी बातचीत में सतलोक आश्रम खाली कराने में आ रही कानूनी अड़चनें समझौते में बाधा बन गईं। बातचीत सिरे न चढ़ते देख अपने गुरू आचार्य बालकृष्ण के साथ बाबा रामदेव रात 12 बजे वापस दिल्ली लौट गए। 
 
इससे पहले, सोमवार देर शाम रोहतक पहुंचे रामदेव ने आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष आचार्य बलदेव व उनके साथियों से बाबा मस्तनाथ मठ के महंत चांदनाथ योगी की मौजूदगी में लंबी मंत्रणा की। करीब एक घंटे तक विचार करने के बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और तीन मौतों के बाद लोगों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि वे मामले में मध्यस्थता नहीं कर रहे। उनकी कोशिश है कि क्षेत्र से पाप का अंत हो और लोगों को इंसाफ मिले। रामदेव ने कहा कि पुलिस को निदरेष लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने होंगे। 
 
सतलोक आश्रम के संचालक संत रामपाल का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि उनके कथित पापों के अंत का समय आ गया है। अपनी मांगों का खुलासा करने से इनकार करते हुए रामदेव ने कहा कि जिस काम के लिए तीन लोगों की शहादत ली गई है वह तो पूरा होना ही चाहिए। उनका संकेत सतलोक आश्रम को खाली कराने की ओर था। रामदेव करौंथा जाने के सवाल को बड़ी सफाई से टाल गए। इस अवसर पर उनके साथ आचार्य बलदेव के अलावा राजस्थान भाजपा के नेता घनश्याम तिवारी, आचार्य बालकिशन व कुछ स्थानीय आर्य समाजी भी थे।
 
रविवार को भड़के विवाद में 3 की मौत 110 से ज्यादा लोग हुए घायल
 
प्रदेश में सतलोक आश्रम का विवाद रविवार को फिर भड़क गया। पुलिस व ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प में पानीपत जिले के गांव शाहपुर निवासी संदीप (अध्यापक), रोहतक जिले के गांव करौंथा की प्रोमिला देवी और गांव बलियाणा के उदयवीर की मौत हो गई।
 
तहसीलदार व महम थाना प्रभारी सहित 110 से ज्यादा लोग घायल हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने रोडवेज की तीन बसों, पुलिसकर्मियों की 26 मोटरसाइकिलों और एक एंबुलेंस को जला दिया। मीडियाकर्मियों के कैमरे भी तोड़ दिए। पथराव रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायर भी किए।
 

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