दोस्तों आप से मिलियें ... आप है डोक्टर सुधीर गुप्ता .....जेसा नाम ऐसा
स्वभाव .. ऐसा काम .जी हाँ दोस्तों ,जेसा आप सभी जानते है ,सुधीर के हिंदी
मायने ,धेर्य और संयम से है, और आप ,डोक्टर सुधीर अपने चिकित्सकीय व्यवसाय
में लगातार जूझते रहने के बाद भी ,जरा भी कभी टेम्पर लूज़ नहीं करते ,,हमेशा
मुस्कराहट के साथ, चाहे मरीज़ हो ,चाहे दोस्त हो , सभी का स्वागत करते है
...कोटा के ही मूल निवासी डोक्टर सुधीर ने,आम जनता की सेवा का मुख्य
लक्ष्य, ध्यान में रखा और सरकारी नोकरी को त्याग कर पहले लोगों की आँखों को
रौशनी दी ,.मरते हुए मरीजों को जिंदगी दी ,प्यार दिया ,दुलार दिया ,अपनापं
दिया ,और फिर डोक्टर सुधीर कोटा के ही नही, हाडोती के ही नहीं, सारे
राजस्थान के चहेते और लाडले बन गए .....डोक्टर सुधीर नियमित कई गरीब लोगो
की आँखों के ओपरेशन बिना किसी प्रतिफल के करते है ,और उनकी सार सम्भाल भी
बढ़े प्यार से करते है ,यही वजह है के हर मरीज़ इन्हें और इनकी टीम के सेवा
भाव को सलाम करता है, याद करता है, इनके गुणगान करता है .,कहते है
,चिकित्सक यमराज हो गये है ,.कहते है चिकित्सक निष्टुर और लुटेरे है
,लेकिन इन्डियन मेडिकल कोंसिल का सदस्य बनते वक्त चिकित्सा को व्यवसाय नहीं
बनाने ,और मरीजों की खिदमत करने का जो संकल्प ,जो शपथ पत्र ,चिकित्सकों
द्वारा भरा जाता है, उस संकल्प ,उस शपथ का ,शत प्रतिशत उदाहरण पेश कर
डोक्टर सुधीर लोगों के दिलों के हीरो बन गये है चेहरे पर मुस्कुराहट
....विनम्रता का भाव और दिल में लोगों की खिदमत करने का जज्बा दिमाग में
जनता के हक की लड़ाई लड़ने का जूनून डोक्टर सुधीर के चरित्र में है इनकी बोडी
लेंग्वेज खुद पुकार कर कहती है के वोह वर्तमान लुट खसोट के हालत से जरा भी
खुश नहीं है और वोह इस हालात को बदलना चाहते है ....चिकित्सा क्षेत्र में
व्यस्तता के बाद भी पर्यावरण और वन्य जीव प्रेम के चलते आप कोटा में हर साल
कुछ ना कुछ संघर्ष करते रहते है कोटा में दरा मुकन्दरा हिल के लियें आपका
आन्दोलन कामयाब रहा और अब केंद्र व् राजस्थान सरकार वहां वन्य जीव सुरक्षित
अभ्यारण्य पार्क बना रही है .रोते हुए के आंसू पोंछना .गुमसुम परेशान बेठे
हुए को हंसाना उसकी परेशानिया दूर करने का जो स्वभाव डोक्टर सुधीर को
प्रक्रति ने दिया है उस स्वभाव से डोक्टर सुधीर कोटा में हर वर्ग हर समाज
के हर दिल अज़ीज़ है केवल रचनात्मक काम करना आलोचकों की आलोचनाओं पर ध्यान
दिए बगेर मुस्कुरा कर उनकी आलोचना का जवाब देना इनकी प्रवृत्ति है वोह
कहते है लोगों के जवाब देने में हम जितना वक्त खर्च करेंगे इतने वक्त में
तो हम दर्जन भर लोगों को आँखों की रौशनी देंगे उनके दुःख दर्द हरेंगे और
इसीलियें कहते है के डोक्टर सुधीर जेसा नाम वेसा काम धेर्य और संयम से
लोगों की सेवा समर्पण भाव से लोगों को अपना बनाने के लियें जो कुछ भी बन
पढ़े वोह करना इनका शोक है ऐसी शख्सियत को सलाम आदाब सेल्यूट .........
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 मई 2013
दोस्तों आप से मिलियें ... आप है डोक्टर सुधीर गुप्ता .....जेसा नाम ऐसा स्वभाव .. ऐसा काम .जी हाँ दोस्तों ,जेसा आप सभी जानते है ,सुधीर के हिंदी मायने ,धेर्य और संयम से है, और आप ,डोक्टर सुधीर अपने चिकित्सकीय व्यवसाय में लगातार जूझते रहने के बाद भी ,जरा भी कभी टेम्पर लूज़ नहीं करते
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)