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08 मई 2013

वाह ! कैसी है यह व्यवस्था


सीकर.एसके अस्पताल के फीमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती एक वृद्धा की शुक्रवार शाम मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में चल रहे कार्यक्रम में कुर्सियां फेंकी। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री राजेंद्र पारीक बतौर खास मेहमान मौजूद थे। परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज नहीं करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इस कारण वृद्धा का शव पांच घंटे तक वार्ड में पड़ा रहा। 
देर रात अस्पताल में पुलिस व प्रशासन के साथ वार्ता के बाद शव मोर्चरी में रखवाया गया। मामले की जांच के लिए एडीएम,एएसपी व सीएमएचओ की तीन सदस्य कमेटी बनाई गई है। कमेटी की ओर से ही शनिवार को वृद्धा का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।हंगामे के दौरान एसके अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। 
जानकारी के मुताबिक शेषमा का बास कुचामन निवासी गोरधनी देवी (65) पत्नी हनुमान प्रसाद को फेफड़ों में पानी भरने की शिकायत पर गुरुवार को परिजन सीकर लेकर आए थे। उन्होंने उसे फिजीशियन डॉक्टर मंशाराम सहारण को घर पर दिखाया। हालत खराब होने पर डॉक्टर ने उसे एसके अस्पताल में भर्ती करवा दिया।  
शुक्रवार को डॉक्टर मंशाराम छुट्टी पर होने के कारण सुबह राउंड पर आए डॉक्टर देवेंद्र दाधीच ने महिला को देखा और इलाज जारी रखा। परिजनों का आरोप है कि सुबह 11 बजे ही वृद्धा की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी। उन्होंने वार्ड इंचार्ज को कहा तो उसने डॉक्टर से संपर्क करने के लिए कहा। 
इस पर परिजन डॉ सहारण के घर गए। वहां से जवाब मिला कि ‘मैं छुट्टी पर हूं आप ड्यूटी डॉक्टर को दिखाओ’ इस पर परिजन वापस एसके अस्पताल आए और डॉक्टर को ढूंढने लगे। दोपहर तीन बजे तक परिजनों ने इधर उधर चक्कर लगाए लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिला। शाम करीब चार बजे परिजन वृद्धा को टॉयलेट में लेकर गए तो उसकी हालत और बिगड़ गई। वार्ड इंचार्ज ने इसकी सूचना ट्रोमा में दी तो वहां से डॉक्टर को कॉल किया गया। 
डॉक्टर दर्शन भार्गव वार्ड में पहुंचे लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। इसी दौरान अस्पताल में लायंस क्लब सीकर क्राउन की ओर से एंबुलेंस और डेड बॉडी फ्रीज भेंट करने पर भामाशाह सम्मान समारोह चल रहा था जिसमें उद्योग मंत्री मौजूद थे। परिजन वहां पहुंचे और डॉक्टर भेजने की मांग की। वहां से डॉक्टर साथ नहीं चलने पर परिजन आक्रोशित हो गए और कुर्सियां फेंकने लगे। 
इस पर कार्यक्रम बंद हो गया और उद्योग मंत्री भी वार्ड में पहुंचे। वहां डॉक्टर से बातचीत के बाद मंत्री चले गए। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और वार्ड से शव नहीं उठाया। कुछ ही देर में दर्जनों युवक अस्पताल पहुंच कर हंगामा करने लगे। सूचना पर एसडीएम बीएल बासनीवाल व सीओ सिटी योगेंद्र फौजदार मौके पर पहुंचे और समझाइश के प्रयास किए। 
रात दस बजे तक प्रशासन व परिजनों की वार्ता चलती रही। परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज करने की रिपोर्ट दी गई। इस पर प्रशासन ने कमेटी गठन करने का आश्वासन दिया।
ये दिया गया है आश्वासन
डॉक्टरों के खिलाफ दी गई शिकायत की जांच एडीएम, एएसपी व सीएमएचओ की कमेटी करेगी। इसके बाद मुकदमा दर्ज करवाने का फैसला होगा। शनिवार को वृद्धा के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। अगर मामला मुआवजे का बनता है तो इसके लिए नागौर कलेक्टर को पत्र लिखा जाएगा।
एसडीएम से तनातनी
बातचीत के दौरान लोगों की एसडीएम बीएल बासनीवाल से तनातनी हो गई। एसडीएम की बात पर लोग भड़क गए और बात तूं तू मैं मैं तक  पहुंच गई। पुलिस ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाया।

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