Maya Shankar Jha रात ढलने को है ,अब चलना चाहिए .....
ख़्वाबों में आकर वो बड़ा सताते
भोले दिल को कभी हसाते कभी रुलाते
उनकी भी हदें है हमारी भी हदें है
हदों ही हदों में कदम लडखडाते ......
ख़्वाबों में आकर वो बड़ा सताते
भोले दिल को कभी हसाते कभी रुलाते
उनकी भी हदें है हमारी भी हदें है
हदों ही हदों में कदम लडखडाते ......
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