सोने की चिड़िया लौट के आ जाएगी.........................
सब कहते हैं की भारत ऐसा होना चाहिए,
कुछ नहीं बस जन्नत जैसा होना चाहिए,
अपने सपनो को तो सब ने पूरा किया ,
और देश के लिए कहा की ज़ेब में पैसा होना चाहिए।।
अपने शौक को हम ख़ुशी से पूरा करते हैं,
खुद को नहीं देखते और दुसरो को बुरा कहते हैं,
ऐसे क्या हमारा भारत देश खाक बढ़ेगा ,
जहाँ लोग देश को खुद की नहीं बल्कि खुद को देश की पहचान कहते हैं।।
वो जमी जहाँ हमारा प्यारा तिरंगा लहराता था,
हिमालय का पानी जहाँ भारत माँ के केशों को नहलाता था,
जो ज़मी कभी सोने की चिड़िया मानी जाती थी,
और हर बच्चा देश का सिपाही कहलाता था।।
वो देश जहाँ हर डाल पे सोने की चिड़िया बैठा करती थी,
ऐसा ही रहेगा भविष्य में भारत ऐसा सोचा करती थी,
कहीं कोई लुटेरा आ के लुट ना ले अपनी जमीं को,
बस इसी बात से वो पल पल डरती थी।।
देश को जगाने क लिए पहले तुम्हे जगना होगा,
किसी के कुछ करने से पहले तम्हे कुछ करना होगा,
तभी ये धरती जन्नत बन पायेगी,
और तभी तुम्हारी मेहनत रंग लाएगी।।
आज जग जाये अगर ये भारत सारा,
तो ये धरती रौशन हो जाएगी,
भारत माँ भी ख़ुशी से झूम उठेगी ,
और फिर से वही सोने की चिड़िया लौट के आ जाएगी।।
सब कहते हैं की भारत ऐसा होना चाहिए,
कुछ नहीं बस जन्नत जैसा होना चाहिए,
अपने सपनो को तो सब ने पूरा किया ,
और देश के लिए कहा की ज़ेब में पैसा होना चाहिए।।
अपने शौक को हम ख़ुशी से पूरा करते हैं,
खुद को नहीं देखते और दुसरो को बुरा कहते हैं,
ऐसे क्या हमारा भारत देश खाक बढ़ेगा ,
जहाँ लोग देश को खुद की नहीं बल्कि खुद को देश की पहचान कहते हैं।।
वो जमी जहाँ हमारा प्यारा तिरंगा लहराता था,
हिमालय का पानी जहाँ भारत माँ के केशों को नहलाता था,
जो ज़मी कभी सोने की चिड़िया मानी जाती थी,
और हर बच्चा देश का सिपाही कहलाता था।।
वो देश जहाँ हर डाल पे सोने की चिड़िया बैठा करती थी,
ऐसा ही रहेगा भविष्य में भारत ऐसा सोचा करती थी,
कहीं कोई लुटेरा आ के लुट ना ले अपनी जमीं को,
बस इसी बात से वो पल पल डरती थी।।
देश को जगाने क लिए पहले तुम्हे जगना होगा,
किसी के कुछ करने से पहले तम्हे कुछ करना होगा,
तभी ये धरती जन्नत बन पायेगी,
और तभी तुम्हारी मेहनत रंग लाएगी।।
आज जग जाये अगर ये भारत सारा,
तो ये धरती रौशन हो जाएगी,
भारत माँ भी ख़ुशी से झूम उठेगी ,
और फिर से वही सोने की चिड़िया लौट के आ जाएगी।।
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