Pankaj Tyagi
वक्त के साथ बदलता रहा सब कुछ
कौन कहता है सिर्फ वक्त बदलता है !!!
हम भी बदले हालात भी बदले सभी
बदलने को यहाँ सर्वस्व बदलता है !!!
बदलने की हिचक न कोई अब रही
उठती नज़र में मंजर बदलता है !!!
कागज़ों पर बदले हैं कई रूप यहाँ
हकीक़त में सिर्फ कागज़ बदलता है !!!
हाँ बदलना है जो वही न बदला बस
कि देश कब हकीकत में बदलता है !!!
बदलते इंसानों की भीड़ फैली बहुत
भीड़ में कब कोई इंसान बदलता है !!!
गीत कविता कहानी ग़ज़ल उपन्यास
समाज की ही दशा का रूप बदलता है
वक्त के साथ बदलता रहा सब कुछ
कौन कहता है सिर्फ वक्त बदलता है !!!
हम भी बदले हालात भी बदले सभी
बदलने को यहाँ सर्वस्व बदलता है !!!
बदलने की हिचक न कोई अब रही
उठती नज़र में मंजर बदलता है !!!
कागज़ों पर बदले हैं कई रूप यहाँ
हकीक़त में सिर्फ कागज़ बदलता है !!!
हाँ बदलना है जो वही न बदला बस
कि देश कब हकीकत में बदलता है !!!
बदलते इंसानों की भीड़ फैली बहुत
भीड़ में कब कोई इंसान बदलता है !!!
गीत कविता कहानी ग़ज़ल उपन्यास
समाज की ही दशा का रूप बदलता है
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