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22 अप्रैल 2013

दोस्तों आपसे मिलिये आप है दिल्ली पुलिस कमिश्नर

दोस्तों आपसे मिलिये आप है दिल्ली पुलिस कमिश्नर जो दिल्ली की सरकार की तरह ही बेदर्द असंवेदनशील निकले ..उन्होंने दिल हिला देने वाली घटना के मामले में आज प्रेस कोंफ्रेंस बुलाई कुछ नया नहीं बताया जो मिडिया बता चूका बस वही दोहराया है ...हाँ एक बात अलबत्ता साफ़ कर दी के वोह इस्तीफा नहीं दे रहे है और अख़बार वालों से  सवाल कर के उन्हें ला जवाब कर दिया बात भी सही है जब उनकी सरकार उनसे इस्तीफा नहीं चाहती तो जनता को क्या हक है के वोह इन साहब से इस्तीफा मांगे या फिर कोई स्पष्टीकरण मांगे ..हाँ उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है के बलात्कार की घटनाएँ कुछ भी हो जाए पुलिस नहीं रोक सकती है तो भाई पुलिस का क्या काम घटनाएँ होंगी जनता अपने आप निपटती रहेगी लोगों में बलात्कारियों में भीलवाडा राजस्थान की तरह डर बेठेगा और घटनाएँ थम जायेंगी ................
अब हम इन जनाब को बताते है के या तो वोह प्रेस कोंफ्रेंस नहीं करते और अगर प्रेस कोंफ्रेंस करने के लियें वोह आतुर थे तो बताते के दिल्ली में किरायेदारों को बिना पहचान पत्र के किरायेदार बनाने को गम्भीरता से लिया जाएगा ..दिल्ली में मनोज को बिना विधिक प्रक्रिया के क्यूँ किरायेदार रखा इस पर सवाल होगा ...जिस पुलिस कर्मी ने रिश्वत देने की पेशकश की थी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है अग्तात में ही मामला सही तलाश जारी है कहा जा सकता था ...दिल्ली में पुलिस कानून के तहत समाजसेवी संस्थाओं के साथ ज्वेनायल पुलिस यूनिट को सक्रिय किया जायेगा ..बाल समितियों का गठन होगा .दिल्ली की व्यवस्था चाक चोबंद की जाएगी और दिल्ली में फिर से ऐसी घटना न हो इसके लियें जनता के साथ मिलकर निगरानी समितियां बनाई जायेंगी शांति समिति ...सी एल जी समिति ....महिला सुरक्षा समिति ..महिला सुरक्षा यूनिट का प्रथक से गठन किया जाएगा और हाँ किसी भी पीड़ित की शिकायत दर्ज ना हो तो सीधे उनके टेलीफोन नम्बर या फिर ई मेल आई डी पर शिकायत करने पर तुरंत कार्यवाही होगी ..थोड़ी घटना पर शर्मिन्दा होते ....पीडिता के प्रति संवेदना प्रकट करते तो लगता के कमिश्नर साहब संवेदनशील है उनके सीने में भी एक इंसान का दिल है लेकिन वाह ऋ बेदर्द दिल्ली तू भी बिना दिल की दिल्ली और तेरे कमिश्नर भी बिना संवेदना और बिना दिल के कमिश्नर .....सरकार तो बेशर्म है ही वोह इस मामले में कोई गम्भीर कदम उठाने से तो रही पार्टियाँ एक दुसरे से ब्लेकमेल हो रही है कहती है तू मेरी मत कह में तेरी न कहूँ अब बेचारी जनता जाए कहा ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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