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27 अप्रैल 2013

घर में मातम और बाजारों में पसरा सन्नाटा, एक परिवार से उठे नौ जनाजे



श्रीमाधोपुर/खंडेला।   जयपुर रोड पर शुक्रवार सुबह रींगस के पास एक वैन खड़े ट्रक में घुसने से एक ही परिवार के नौ लोगों सहित दस जनों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर घायल हो गए। ये सभी खंडेला के बिसायतियों के मोहल्ले के रहने वाले थे और दोहा कतर से आए अपने परिजन को लेकर जयपुर एयरपोर्ट से लौट रहे थे।
 
 वैन में 14 लोग सवार थे। गंभीर घायलों का जयपुर में उपचार जारी है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार व घायलों को दस-दस हजार का मुआवजा देने की घोषणा की है। इजराइल के दौरे पर गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वहां सूचना मिलने पर दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
 
 
जानकारी के मुताबिक बिसायतियों का मोहल्ला खंडेला निवासी मोहम्मद शकूर कहार मजदूरी के लिए दोहा कतर गया हुआ था। करीब दो वर्ष बाद वह घर लौट रहा था। गुरुवार रात 11 बजे परिवार के लोग उसे लेने मारुति वैन से जयपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए थे और सुबह करीब साढ़े आठ बजे वहां से खंडेला आ रहे थे। सरगोठ और रींगस के बीच स्थित झंकार होटल के पास इनकी वैन सड़क किनारे खड़े ट्रक में घुस गई।  
 
 
 
रींगस के पास हुए हादसे ने बिसायती परिवार की खुशियां और ख्वाहिशें बिखेर दी हैं। डेढ़ साल बाद दोहा से लौट रहे शकूर को जयपुर एयरपोर्ट से लेकर कई तमन्ना पाले हुए परिवार वापस घर आ रहा था। दोहा में कुछ दिनों से काम नहीं मिलने पर शकूर ने वतन वापसी का मन बनाया था।
 
 
शारजहां एयरपोर्ट पर काम करने वाले अपने पड़ोसी जमील अहमद से कहा था कि ‘बस अब सारा काम फिनिश करके जा रहा हूं। यह अंतिम मुसाफिरी है, फिर लौट कर नहीं आऊंगा।’ शकूर परिवार के साथ वक्त गुजारकर यहीं रोजी रोटी के लिए कुछ करने की ख्वाहिश पाले था कि हादसे ने उसकी जिंदगी लील ली।
 
 
 
हादसे में शकूर के साथ उसकी मां, पत्नी, भाई, बेटा -बेटी भी इस दुनिया से रुख़सत कर गए। जब शाम को एक ही परिवार से नौ जनाजे एक साथ उठे तो घर में मातम और बाजारों में सन्नाटा पसरा था। वैन चालक मुश्ताक की अम्मी नूर बानो जवान बेटे के शव को देखकर बेहोश हो गई, जिसे अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा।
 
शकूर के आने की खबर पाते ही उसका परिवार उस रवायत को निभाने में जुट गया, जिसमें बाहर से आने वाले का एयरपोर्ट पर ही इस्तकबाल किया जाता है। गुरुवार रात 11 बजते -बजते एक वैन में सवार होकर जयपुर के लिए निकल पड़े। बड़े भाई अब्दुल कबीर ने कुछ काम होने व गाड़ी में जगह नहीं होने की वजह से मना किया तो पत्नी गुलशन बानो ने कहा अम्मी जा रही हैं तो आप क्यों नहीं।
 
दो मासूम बेटियां व भतीजी अस्पताल में भर्ती
विदेश से आए शकूर, उसकी पत्नी, एक बेटी व बेटे की हादसे में मौत हो गई। शकूर की तीन मासूम बेटियां इस हादसे में बच गई जिनमें से दो का जयपुर में इलाज जारी है। उसकी सबसे बड़ी बेटी सबीरा उर्फ शबनम (14) को छुट्टी दे दी गई है। समीरा (6), सुहाना (18 माह ) व भतीजी अलवीरा अस्पताल में भर्ती हैं। 
 
हादसे में इनकी हुई मौत 
 
हादसे में विदेश से लौटे मोहम्मद शकूर (32), उसकी मां जाहिदा (50), पुत्री सिमरन (10), पुत्र नबील (3), बड़े भाई मोहम्मद कबीर (34), भतीजी फरीना (8) व शाहिना (16), साला जाबिद (25) व वैन चालक मुश्ताक अली की मौके पर ही मौत हो गई। शकूर की पत्नी शहनाज ने भी जयपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

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