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25 अप्रैल 2013

दोस्तों दिल्ली की गुडिया और राजस्थान के कोटा के गुडिया में अपराध एक है लेकिन कार्यवाही अलग अलग

 दोस्तों खुदा का शुक्र है के आप लोगों की महनत से कोटा राजस्थान की गुडिया के साथ जबरदस्ती और ज्यादती करने का आरोपी पुलिस पुत्र पकड़ा गया उसे आज रामगंजमंडी अदालत पेश किया गया जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया .....दोस्तों पुलिस पुत्र द्वारा पुलिस पुत्री चार वर्षीय मासूम के साथ जो ज्यादती की थी उससे आज भी वोह भूत भूत कहकर भयभीत है लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद भी कुछ लोग उसे केवल मोबाइल टॉवर नहीं बोल पाने के छुट दे रहे थे इस मामले में पीडिता गुडिया के माता पिता का इंसाफ नहीं मिल पाने के रो रो कर बुरा हाल था ..दोस्तों आप सभी लोगों ने इस मामले में मेरी पोस्ट पर ध्यान दिया और फिर मदद की कोशिशें तेज़ की खुद मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के यहाँ भी शिकायत गयी जबकि कोटा की पुत्री महिला आयोग की राष्ट्रिय अध्यक्ष को भी शिकायत की गयी ..अब आप लोगों की मदद से कोटा पुलिस की समझ में आया है के ऐसे खतरनाक अपराधिक को खुला छोड़ना ठीक नहीं है और उसे जेल भेज दिया गया है लेकिन अभी ऐसे आरोपी को सजा दिलवाना एक बढ़ी चुनोती है क्योंकि मुकदमे में कई खामियां और कमियाँ नज़र आती है खेर देर आयद दुरुस्त आयद आप सभी का सहयोग के लियें शुक्रिया कोटा के पुलिस अधिकारीयों का शुक्रिया और राजस्थान के मुख्यमंत्री महिला आयोग की राष्ट्रिय अध्यक्ष का शुक्रिया लेकिन अभी काम अधुरा है आरोपी को अपराधी बनाकर सजा दिलवाना बाक़ी है सभी को एक जुट होकर मदद करना है शुक्रिया
दोस्तों दिल्ली की गुडिया और राजस्थान के कोटा के गुडिया में अपराध एक है लेकिन कार्यवाही अलग अलग ऐसा क्यूँ में तो समझ नहीं पाया आप प्लीज़ कोई हो तो बताइए ....दिल्ली में मुख्यमंत्री महिला शीला दीक्षित है कोई बात नहीं राजस्थान में बहतरीन और संवेदन शील कहे जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है जो पुलिस का इकबाल बुलंद करते है दिल्ली पुलिस गुडिया के अत्याचारियों को हंगामा होते ही दुसरे दिन गिरफ्तार करती है इस मामले में लापरवाही बरतने और मजाक उड़ाने वाले पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करती है ......हमारे राजस्थान की कोटा पुलिस गुडिया के अत्याचारी को पूरा पूरा बचाने का प्रयास करती है कोटा के दादाबाड़ी थाने में दर्ज एफ आई आर 121/2013 अंतर्गत धारा 4 प्रोटेक्शन और चाइल्ड सेक्सुअल एब्युसिंग एक्ट 2012 की जाँच कर रहे अनुसन्धान अधिकारी उप निरीक्षक पुलिस प्रथ्वी सिंह ने पीडिता चार वर्षीय मासूम और उसके परिजनों को धमकाया उनका मजाक उड़ाया और यहाँ तक के अपराधी को गिरफ्तार करने की जगह उसे पीडिता और उसके परिजनों को धमकाने के लियें खुला छोड़ दिया ..जांच बदली प्रशिक्षु आर पी एस बनवारी लाल के पास जाँच गयी की नतीजा नहीं निकला तीसरी बार महिला अधिकारी के पास जाँच गयी अभियुक्त गिरफ्तार हो गया और अब जेल में है लेकिन उसके मामले में सपठित धारा 354,376/511,366 आई पी सी और इन्डियन चिल्ड्रन एक्ट की धाराएँ नहीं जोड़ी गयी है उसे केस कमजोर होने की सम्भावना है अब बताइए जनाब राजस्थान के संवेदन शील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन काल के कोटा की पुलिस और दिल्ली की शीला दीक्षित की पुलिस में क्या फर्क है जो लापरवाह पुलिस अधिकारीयों को वहां तो निलम्बित किया गया है और यहाँ के लापरवाह और पीडिता और उसके माता पिता को धमकाने वाले अधिकारी आज तक भी निलम्बित नहीं किये गए है इससे पीड़ितों का मनोबल टुटा हुआ है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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