सुरसा जैसा मुंह फैलाये, राह में बैठी मंहगाई !
चमचे ही अब चाट रहे है, लोकतंत्र की दूध मलाई !!
नोटों का बण्डल पड़ता, अब डिग्री पर भारी है !
गरीब ग्रेजुएट पीछे रहता, यह उसकी लाचारी है !!
थर्ड क्लास को नौकरी मिलती, फर्स्ट क्लास बेकार जनाव !
देख दशा इस लोकतंत्र की, आँख से बहती धार जनाव !!
चमचे ही अब चाट रहे है, लोकतंत्र की दूध मलाई !!
नोटों का बण्डल पड़ता, अब डिग्री पर भारी है !
गरीब ग्रेजुएट पीछे रहता, यह उसकी लाचारी है !!
थर्ड क्लास को नौकरी मिलती, फर्स्ट क्लास बेकार जनाव !
देख दशा इस लोकतंत्र की, आँख से बहती धार जनाव !!
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