इज्ज़त्माब आलीजनाब खुशीद रब्बानी साहब ...सबसे पहले तो में आपसे मेरे उन
विचारों मेरे उन अल्फाजों के लियें मुआफी चाहता हूँ जिससे आपकी भावनाए आहत
हुई है ......दूसरी बात मुझे गर्व है के मेरे भाई खुर्शिद्द रब्बानी साहब
की पत्रकारिता की धर आज भी पहली की तरह पेनी है और वोह अधूरे ख्वाबों को
पूरा करने की कोशिशों में जुटे है ..में बधाई देना चाहता हूँ ई टी वी की
संवेदन्शीलता पर जो मेरे गुस्से को उन्होंने अपनी कार्यवाही को टटोलने का
एक जरिया बनाया ....रब्बानी साहब मुझे माफ़ करे मेरी मंशा किसी को नीचा
दिखने की कतई नहीं रही है राजस्थान की बात तो दूसरी है यहाँ के हालात तो
देख कर हम शर्मिंदा है मुसलमानों के लिये केवल कागज़ी घोषणाएं है और इन
घोषणाओं की दस फीसदी भी पूर्ति नहीं ही है यकीन मानिये राजस्थान वक्फ बोर्ड
के कई बार सर्वे होने के बाद भी इस सर्वे को अंतिम रूप से अधिसूचित नहीं
करवाया गया है ...बोर्ड की बैठक में सिर्फ चायनाश्ता या फिर कमेटियों के
गठन की सोदेबाज़ी होती है आप चाहें तो बैठकों की प्रोसिडिंग उठाकर देख ले
..मदरसा बोर्ड के घोटाले आपके सामने है मुसलमानों की पोस्टों पर दीगर लोगों
को जिनके पास उर्दू की फर्जी डिग्री है तेनत कर दिया गया है वर्ष २ २ के
बजट में स्वीक्रत दो हजार पेराटीचर्स की पोस्टें लेप्स हो गयी है कई मदरसे
खली है तो कई मदरसे बंद पढ़े है बच्चों को पढ़ी की कोई व्यवस्था नहीं है जो
बच्चे पढ़ लियें है उन्हें नोकरी नहीं है ........अल्पसंख्यक विभाग तमाशा
बना है छात्रवृत्ति हो चाहे कोई भी सुविधा हो अगर मगर लेकिन किन्तु कोंमा
फुलिस्तोप के नाम पर परेशानियों का सबब बना है ..रब्बानी साहब हज हाउस का
सच आपसे बहतर कोण जान सकता है वक्फ विकास परिषद का झुनझुना ..अल्पसंख्यक
वित्त् विकास निगम के पद रिक्त है ..उर्दू एकेडमी की परफोर्मेंस जीरो है
...अलप्स्नख्यक आयोग केवल मुख्यमंत्री जी की तारीफ़ करता है आजतक उसने विधिक
रूप से एक भी शिकायत का प्रसंज्ञान लेकर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को तलब
कर कार्यवाही नहीं की है राजस्थान का मुसलमान गिनती के लोगों ने सरकार को
गिरवी रख दिया है ..............हम अब कोटा की बात करते है रब्बानी साहब एक
फरवरी को मीन आपको और आदरनीय कातिल साहब को उनके मोबाइल नम्बर पर वक्फ की
मस्जिद सरकारी रिकोर्ड में मन्दिर दर्ज होने और इस रिकोर्ड को दुरुस्त नहीं
करने की शिकायत की थी कोई जवाब नहीं मिला ...तकलीफ हुई यहाँ जेन दिवाकर
गुलाब्बादी लाडपुरा क्षेत्र में वक्फ के रिकोर्ड में दर्ज मस्जिद जो
ऐतिहासिक मकबरा दिलदार खाना के मकबरे के पास है किसी पटवारी ने पहले मनिंद
दर्ज की फिर उसे मन्दिर रिकोर्ड में कर दिया में खुद इसे सुधरने के लियें
कई दर्जन पत्र मुख्यमंत्री से लेकर सभी अधिकारियों को लिख चूका हूँ
पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम की बैठकों में मामला उठाया है कोई कार्यवाही
नहीं वक्फ खामोश है पत्र लिखा और ज़िम्मेदारी मुक्त लेकिन कभी यह मामला जब
टूल पकड़ेगा तो हमे विवादों में ही रहना पढ़ेगा ...यहाँ आकाशवाणी के पास
अनार्वाले बाबा की सर्वे शुदा सम्पत्ति कोटा दरबार कोंग्रेस के संसद ने बेच
दी और हमारी कोम के कुछ दलालों ने चुप्पी साध ली वक्फ ने कोई मुकदमा नहीं
किया मेने सभी को कई बार पत्र लिखे है ..कोटा सी एडी जन्ग्लिशाह बाबा की
अरबों रूपये की सम्पत्ति पर कोंग्रेस के नेता कब्जेदार है वक्फ कोई
कार्यवाही नहीं करता मुकदमों में तारीखों पर नहीं जाता .....रंगबाड़ी का
पचास बीघा का कब्रिस्तान वक्फ के रिकोर्ड में दर्ज कर उसकी नक़ल छ माह पूर्व
देना थी लेकिन आजतक इसे वक्फ के रिकोर्ड में दर्ज न्हिः किया गया स्टेशन
की माचिस फेक्ट्री का काब्रिस्तान आज भी इंसाफ मांग रहा है ...केठुनिपोल की
मस्जिद चरों तरफ से अतिक्रमण से घिरी है यहाँ पास ही टिपता रोड पर एक मजार
शहीद है कोई देखें बोलने वाला नहीं काजी साहब और हम कोशिशें करते है लेकिन
सुनवाई नहीं .....अल्प्स्नक्ख्यक विभाग यहाँ तमाशा बना है बढ़ी मुश्किलों
में वहां का कबाडा हटवा कर वहां हालत ठीक करवाए है वहां जूनियर
अएकाउन्तेन्त नहीं है सभी कर्मचारी संविदा पर है स्कोलरशिप और ऋण देने में
पचास नियम दिखाए जाते है स्कोलर शिप अगर पास है तो जयपुर के निर्देशों के
नाम पर अटकलें लगाई जाती है ..पन्द्राह सूत्रीय बैठक के निर्नोयों की पालना
नहीं होती है ......कोटा पन्द्राह सुस्त्रिय कार्यक्रम के प्रभारी
प्रधानमन्त्री ने राज्यसभा सदस्य अश्क अली टाक को बनाया है लेकिन अफ़सोस के
अश्क अली टाक साहब ने तीन सालों में कोटा में आकर पन्द्राह सूत्र कार्यक्रम
की एक बार भी समीक्षा नहीं की है उन्होंने कोई भी सुध नहीं ली है ..यहाँ
मदरसे बंद है आधुनिक मदरसों के लियें एक भी मदरसा चयनित नहीं किया गया है
मदरसों में नियुकित्यों के लियें बेरोजगार इन्तिज़ार कर रहे है वेतन नहीं आ
रहे है ....बीडी मजदूरों की हालत कमजोर है उन्हें कार्ड नहीं दिए गए है
ठेके के नाम पर उनका शोषण हो रहा है कथुन में बुनकरों के लियें कोई कोलोनी
की सुविधा नहीं है कोटा साडी को वसुंधरा ने तो अत्र्रास्थ्रिय रेम्प पर
उतरा था लेकिन यहाँ अब मजदूरों के हाथ कलम किये जा रहे है बूचड़खाना नहीं है
...मुस्लिम बस्तियों में स्कूल सरकारी स्कूल नहीं है मुस्लिम मदरसा घंटाघर
की हालत अल्लाह के हवाले है स्वतन्त्रता सेनानी मेहराब खान की कब्र सुनी
है ...कोटा के शासक केसर खान डोकर खान के मकबरे खामोश है स्टेशन कब्रिस्तान
की घोषणा तो हुई लेकिन आज भी उस जमीन को तलाशी जा रही है ..मुस्लिम होस्टल
बढ़ी मुश्किलों में सेशन निकलने के बाद शिकायतों से शुरू हुआ है लेकिन अभी
कोई परफोर्मेंस नहीं है भाई खुर्शीद जी हम अपना दर्द अपने आंसू किसे दिखाएँ
में खुद वकील हूँ ..मीडिया से जुदा हूँ ..वक्फ का पदाधिकारी रहा हुं
..पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम समिति में सदस्य हूँ कई संस्थाएं चलाता हूँ
..आपका भाई हूँ काजी साहब के जरिये कई मामले उठाता हूँ कोंग्रेस का वोटर
हूँ इसलियें कोंग्रेस के नेताओं से भी इन समस्याओं के समाधान की मनग करता
हूँ अख़बार और मिडिया से भी उम्मीद करता हूँ समाधान हो या ना हो लेकिन यह सच
जनता के सामने तो आये के मुसलमान कितना सिसक रहा है जो ख़्वाब मुसलमानों ने
देखे है वोह अधूरे होने से उन्हें रुला देने के लियें काफी है उसपर सरकार
का अहसान के बहुत कुछ दे दिया है तोबा का मुकाम है जनाब माफ़ी चाहता हूँ
छोटा मुंह बढ़ी बात है लेकिन सच अगर उजागर हुआ तो सरकार की भी हो नेता की भी
हो उसकी मजाल नहीं के वोह समस्या को समस्या बनाये रक्खे उसका समाधान
निश्चित तोर पर होगा और यह उम्मीद खुद के बाद सिर्फ और सिर्फ आपसे ही
निष्पक्ष पत्रकार होने के कर्ण की जासकती है ..शुक्रिया ...अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान मोबाइल 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
11 अप्रैल 2013
इज्ज़त्माब आलीजनाब खुशीद रब्बानी साहब ...सबसे पहले तो में आपसे मेरे उन विचारों मेरे उन अल्फाजों के लियें मुआफी चाहता हूँ जिससे आपकी भावनाए आहत हुई है ..
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प्रभावशाली ,
जवाब देंहटाएंजारी रहें।
शुभकामना !!!
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