आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

02 मार्च 2013

लेकिन दोस्तों

लेकिन दोस्तों
अफ़सोस के साथ कहता हूँ
में ना हिन्दुस्तान ..न भारत महान
न इंसान बन सका
इतना ही नहीं
में न हिन्दू बन सका
न मुसलमान बन सका
सिर्फ नाम में ही मेरा मजहब था मेरा धर्म था
मेरी जीवन शेली मेरे आचरण में
मेरे धर्म मेरे मजहब के निर्देश
मानवता जीवित रखने का आदेश की पालना नहीं थी
में कोंग्रेसी था ..में भाजपाई था
में लीगी था ,,में बजरंगी था
में तबलीगी था में सुन्नी था में शिया था
में सनातन था ..में संघ था में जमाती था
नहीं था तो बस इन्सान नहीं था
इसीलियें तो में इंसान से शेतान राक्षस बन गया ....

--
akhtar khan akela

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...