Rajiv Chaturvedi
"यह राग रंग की आवाजें
यह शब्दों की अंतरध्वनियाँ
यह खून शिराओं से चल कर दिल पर दस्तक जो देता है
स्मृतियों की पदचाप सुनो तुम अपने बीराने में
आहत मन की आहट का आलेख ----यही कविता है
भाषा के पहले शब्दों के नाद हुए अनुवाद जहां
कविता उसके पहले भी आई थी
वह दस्तक दर्ज हुयी है दस्तावेजों में
कुछ अपने आंसू
कुछ खुशियाँ , कुछ खून की बूँदें
शब्दों की नज़रों से ओझल प्यार तुम्हारा
लिख पाओ तो मुझे बताना
कह पाओ तो मुझे सुनाना
जीवन की इस पृष्ठ भूमि पर कविता और लिखी जानी है
यह राग रंग की आवाजें
यह शब्दों की अंतरध्वनियाँ
यह खून शिराओं से चल कर दिल पर दस्तक जो देता है
स्मृतियों की पदचाप सुनो तुम अपने बीराने में
आहत मन की आहट का आलेख ----यही कविता है ." -----राजीव चतुर्वेदी
"यह राग रंग की आवाजें
यह शब्दों की अंतरध्वनियाँ
यह खून शिराओं से चल कर दिल पर दस्तक जो देता है
स्मृतियों की पदचाप सुनो तुम अपने बीराने में
आहत मन की आहट का आलेख ----यही कविता है
भाषा के पहले शब्दों के नाद हुए अनुवाद जहां
कविता उसके पहले भी आई थी
वह दस्तक दर्ज हुयी है दस्तावेजों में
कुछ अपने आंसू
कुछ खुशियाँ , कुछ खून की बूँदें
शब्दों की नज़रों से ओझल प्यार तुम्हारा
लिख पाओ तो मुझे बताना
कह पाओ तो मुझे सुनाना
जीवन की इस पृष्ठ भूमि पर कविता और लिखी जानी है
यह राग रंग की आवाजें
यह शब्दों की अंतरध्वनियाँ
यह खून शिराओं से चल कर दिल पर दस्तक जो देता है
स्मृतियों की पदचाप सुनो तुम अपने बीराने में
आहत मन की आहट का आलेख ----यही कविता है ." -----राजीव चतुर्वेदी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)